नई दिल्ली/ चंडीगढ़। देश में कलयुग का उदाहरण साक्षात देखा जा सकता है। देश में शायद दो तरह का कानून है ,नेताओं और बड़े लोगों के लिए अलग कानून और गरीबों के लिए अलग कानून, दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज होने के बाद भी कुछ नेता मंत्री बन जाते हैं। रोटी चुराकर पेट भरने वाला गरीब जेल में सड़ रहा है। कोई उसकी जमानत करवाने वाला तक नहीं है। फ़िलहाल कॉरोनकाल चल रहा है और इस दौरान भी कलयुग देश पर हावी है। सैकड़ों ऐसे लोगों का चालान कट चुका है जो कार में अकेले जा रहे थे और मास्क नहीं लगाए थे। इसी दौरान कई राज्यों में उप-चुनाव हुए और बिहार में विधानसभा चुनाव हुआ और नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ दिखी लेकिन किसी का चालान नहीं काटा गया। सोशल मीडिया पर बड़े सवाल उठाये जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि जब नेता रैलियों में लाखों की भीड़ बुलाते है तो क्या वो कोरोना से इजाजत लेते हैं कि आपको यहाँ नहीं आना है। अगर नेता कोरोना से इजाजत लेते हैं तो उन्हें कोई प्रमाणपत्र दिखाना चाहिए लेकिन अब तक किसी नेता ने ऐसा नहीं दिखाया। कहा जा रहा है कि इन नेताओं के कारण ही देश में कोरोना फ़ैल रहा है क्यू कि एक तरफ तो ये कहते हैं कि भीड़भाड़ से बचो और दूसरी तरफ भीड़ ये खुद बुलाते हैं। हरियाणा के नूह जिले में आज प्रदेश के उप-मुख्य्मंत्री दुष्यंत चौटाला की किसान रैली थी जहाँ हजारों की भीड़ दिखी। सोशल मीडिया पर रैली की तस्वीरें पोस्ट करने पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं और लोग लिख रहे हैं कि दुष्यंत चौटाला ही क्या आज कोरोना छुट्टी पर था? या नेता जहाँ जाते है वहां से कोरोना भाग जाता है। वैसे आपको बता दें कि देश के कई राज्यों के मंत्रियों की कोरोना से जान जा चुकी है। काफी कुछ गोलमाल है। जब नेता ऐसे करेंगे तो जनता तो लापरवाही करेगी ही। ऐसा नहीं है कि नूह में कोरोना नहीं पहुंचा। कल 21 नए मामले वहां से आये थे। दुष्यंत की खबर पर ऐसी प्रतिक्रियाओं को देख ये खबर लिखा हूँ, पढ़ें
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