नई दिल्ली/ फरीदाबाद- कोरोना काल में ऐसा भी समय आया था जब कोरोना से मौत के बाद अपने ही अपनों को मजबूरन कन्धा नहीं दे सकते थे। कोरोना से मौत होने पर अपने दूर खड़े रोते रहते थे , विलखते रहते थे और शव को बिजली की भट्ठियों में झोंक दिया जाता था, इस दौरान देश की कई हस्तियों और कई मंत्रियों की जान कोरोना की वजह से गई। जो इस महामारी का शिकार नहीं बने वो और उनके परिजन आज भी सड़कों पर बेख़ौफ़ घूम रहे हैं, बाजारों में जा रहे हैं लेकिन जो इस महामारी का शिकार बन चुके हैं उनके परिजन अब भी सावधानी बरत रहे हैं। कोरोना का शिकार हुए कुछ जानने वालों की मानें तो पॉजिटिव आने के बाद बहुत बुरा हाल होता है। खांसते-खांसते ऐसा लगता है कि जान किसी भी वक्त निकल सकती है।
कुछ दोस्तों ने अस्पतालों का अनुभव भी शेयर किया और बताया कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अगर ज्यादा खांसी और बुखार नहीं आ रहा है तो अस्पताल के कमरे में पहुँचते ही खांसी बुखार जानबूझकर बढ़ा दिया जा रहा है ताकि पैसे बनाये जा सकें। तमाम दोस्तों और पाठकों ने इस दौरान कई अस्पातलों और कोरोना टेस्ट करने वालों पर भी सवाल उठाया। लूट-खसोट का आरोप लगाया।
आपको बता दें कि अगर आप बहुत बड़े घर से हैं तो कोरोना पॉजिटिव होने पर आप बड़े अस्पतालों में जाएंगे और कई बड़े अस्पतालों में रोजाना का एक लाख रूपये तक का बिल बन रहा है। अगर आप साधारण परिवार से हैं और कोरोना हो गया और किसी छोटी अस्पताल में भी गए तो रोजाना वहाँ कम से कम 10 से 15 हजार का बिल बन रहा है और 10 दिन भी वहां रहे तो लाख-डेढ़ लाख देकर ही आएंगे। ऐसे में देश के लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। हरियाणा में कोरोना और तांडव मचाने लगा है। आज 2788 नए केस आये है और 19 लोगों की आज भी जान चली गई है। इनके परिजन आज धनतेरस और कल परसों दीवाली शायद ही मना पाएं।
बात करते है फरीदाबाद की तो यहाँ कई दिनों से डबल बम फट रहा है। एक प्रदूषण बम तो दूसरा कोरोना बम और आज वीरवार को कोरोना बम ने फरीदाबाद के 598 लोगों को घायल किया है चार लोगों की जान भी ली है, जो शायद एक रिकार्ड है ,जिस दिन में मामले ज्यादा बढ़ने लगे उस दिन से स्वाथ्य विभाग फरीदाबाद की तरफ से प्रेस नॉट भी जारी नहीं किया जा रहा है शायद अधिकारियों को तौहीन का डर सता रहा है।
आज भी गुरुग्राम नए मामले में सबसे अव्वल है जहाँ कोरोना के 692 केस आये हैं जबकि फरीदाबाद में 598 नए केस आये हैं। शहर के 598 घरों के लोग शायद ही अब दीवाली ठीक से मना सकें। सावधानी बरतने की जरूरत है वरना अगला नंबर आपका भी आ सकता है ,भीड़भाड़ में जाने से बचें ,मास्क लगाकर रखें और दो गज की दूरी अब और जरूरी हो गई है।
जिले के थाना चौकियों में जरूरत से कम स्टाफ है और पुलिस को ही शुरू से अब तक बड़ी जिम्मेदारी दी गई। हर घर तक पुलिस शायद ही पहुँच सके इसलिए खुद सावधान रहें और मिलने वालों को सावधान करें। प्रदूषण की बात करें तो शहर की सड़कों पर धूल ही धूल और एयर क्वालिटी इंडेक्स कई दिनों से खतरनाक लेवल पर है ,ना जाने कितने लोग अपने घरों में खांस और छींक रहे होंगे, सूत्रों की मानें तो शहर के सैकड़ों लोग सांस की दिक्कत के कारण विभिन्न अस्पतालों में हैं। कोरोना और प्रदूषण नाम के दो बम शहर में एक साथ फूटे हैं ,सावधान रहें और अपने जान पहचान के लोगों को सावधान करें। सरकार और पुलिस के दिशा निर्देशों का पालन करें। पुलिसवाले भी इंसान हैं ,उनके बच्चे भी दीवाली पर उनके साथ रहना चाहते होंगे लेकिन वो मजबूरन घर से दूर हैं और सड़क पर शहर के लोगों की रक्षा के लिए खड़े हैं।
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