नई दिल्ली- जिसके पास थोड़ा सा भी दिमाग है वो नेताओं की करतूत को समझ जाते हैं। देश के कई राज्यों में रेप और गैंगरेप के मामले सामने आ रहे है लेकिन जहाँ इस पार्टी की सत्ता है वहां उस पार्टी के नेता प्रदर्शन करने नहीं पहुँच रहे हैं। जहाँ काफी समय बाद चुनाव हैं वहां भी ऐसे मामलों को लेकर नेता चुप हैं लेकिन जहाँ जल्द चुनाव हैं वहां अगर कोई अपराध होता है तो विपक्ष उसे बड़ा मुद्दा बनाने से नहीं चूकता। देश में इन दिनों हाथरस काण्ड की चर्चाएं हैं। तमाम पार्टियों के नेता हाथरस पहुँच रहे हैं।
गैंगरेप दलित छात्रा के साथ उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में भी हुआ है जहाँ अब पहले दो और अब दो और आरोपी गिरफ्तार किये गए है जिन सबका नाम शाहिद, साहिल, सगीर, मोहम्मद रफ़ीक है लेकिन यहाँ अब भी कोई नेता नहीं पहुंचा जबकि असली दरिंदगी यहाँ हुई थी। दलित छात्रा की मौत हो चुकी है। उसकी आंत में कई जख्म पाए गए। इस दरिंदगी पर कोई नेता कुछ नहीं बोल रहा है। क्या कारण है इस बिटिया का दर्द किसी नेता को नहीं दिख रहा है। मौतों पर राजनीति आरोपी और पीड़िता की जाति देखकर की जा रही है। आप समझदार हैं तो समझ सकते हैं।
अब एक बड़ी खबर उत्तर प्रदेश से ही आ रही है। सूत्रों द्वारा जानकारी मिल रही है कि प्रदेश के तमाम बड़े कांग्रेसी नेता राहुल और प्रियंका की राजनीति से हैरान हैं। ये नेता सवर्ण हैं और इनका कहना है कि राहुल प्रियंका सवर्णों को टारगेट कर रहे है ऐसे में हम कहाँ जाएँ। इन नेताओं का कहना है कि राहुल प्रियंका हमें कहीं मुँह दिखाने के लायक नहीं छोड़ रहे हैं। उन्हें कभी सवर्णों पर हो रहा अत्याचार नही दिखता, उन्हें सिर्फ दलित और मुस्लिमों का दर्द ही दिख रहा है। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि दलित मतदाता दो दशकों से बसपा के साथ हैं जबकि मुस्लिम मतदाता भी कई वर्षों से सपा के साथ हैं और ऐसे में राहुल प्रियंका उन्हें के साथ हैं जो कांग्रेस का वोटर नहीं है। प्रदेश के एक दो नहीं तीन दर्जन से ज्यादा वो नेता दुखी हैं जो सवर्ण हैं। उन्हें राहुल, प्रियंका की राजनीति अच्छी नहीं लग रही है। लगभग देश साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले या जल्द ऐसे नेता कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
Post A Comment:
0 comments: