नई दिल्ली- डेढ़ साल बाद होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में फिर दंगा भड़क सकता है। इसके पहले इसी साल नागरिकता क़ानून के विरोध में दंगा करवा गया था और बड़े पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि संभावित दंगे के पीछे वही गैंग है जिस गैंग ने इस साल की शुरुआत में दंगा करवाया था। पुलिस के सूत्रों की मानें तो पिछली बार अल्प संख्यक समुदाय के लोगों को भड़काकर दंगा करवाया गया था। अब दलितों को भड़काने की साजिश रची जा रही है। पुलिस सिमी, पीएफआई और एक बड़ी पार्टी के नेताओं पर नजर रख रही है। जेएनयू, एएमयू के कुछ लोगों पर भी पुलिस की नजर है। कुछ जेहादियों पर अर्बन नक्सलियों का डेटा भी खंगाला जा रहा है।
अब उत्तर प्रदेश के मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिसे विकास अच्छा नहीं लग रहा, वे लोग देश में और प्रदेश में भी जातीय दंगा, सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं, इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा। इस दंगे की आड़ में उनकी रोटियां सेंकने के लिए उनको अवसर मिलेगा, इसलिए नए-नए षड्यंत्र करते रहते हैं।
जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है वे लोग देश-प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं, इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा इस दंगे की रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा, इसलिए वे नए षड़यंत्र करते रहते हैं।लेकिन ये योगी का UP है, यहां साजिश और षड़यंत्र काम नहीं आएगा। pic.twitter.com/nFY0QGGebM
— Manmohan Singh (@manmohansiingh) October 4, 2020
यूपी की बात करें तो वर्तमान में कांग्रेस और सपा सत्ता से बहुत दूर हैं और किसानों और हाथरस मामले को लेकर सरकार को घेर रही हैं। प्रदेश में कुछ दिनों से अपराध बढ़ें हैं और योगी की खिंचाई भी हो रही है। फिलहाल योगी को पार्टी के ही कुछ बड़े नेताओं का साथ मिलते नहीं दिख रहा है। इसका बहुत बड़ा कारण है फिर कभी बताएँगे।
उत्तर प्रदेश में दंगा भड़काने की कोशिश करोगे तो यूपी पुलिस ऐसे ही पेलेगीpic.twitter.com/R9CG0yUyKU— Vivek Oberoi (@realoberoi_) October 4, 2020
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