नई दिल्ली- देश में मासूम बच्चियों को किसी बहाने ले जाकर उन्हें तकरीबन हर रोज कहीं न कहीं नोचा जा रहा है। दरिंदे बाज नहीं आ रहे हैं। तमाम मामलों में ऐसे दरिंदों को फांसी पर लटका देने की मांग हो रही है। उत्तर प्रदेश के आगरा में भी पिछले साल 15 अक्टूबर को दो साल की मासूम बची संग दुष्कर्म हुआ था। इस मामले के बारे में बार करें तो एक जूता कारीगर की बच्ची के पिता से जान पहचान थी और वो बच्ची के घर आता जाता था। 15 अक्टूबर को वो किसी बहाने से बच्ची को ले गया और मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसे घर के बाहर लहूलुहान हालत में छोड़ गया। बच्ची एक हफ्ते अस्पताल में रही। स्थानीय लोगों ने फांसी की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया। अब उस मामले में जज ने आरोपी को आख़िरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।
पोस्को ऐक्ट के स्पेशल जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि ऐसे लोग राक्षस होते हैं और इन्हे समाज में रहने का कोई हक़ नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे दरिंदे समाज के लिए कलंक हैं। उन्होंने दोषी पर दो लाख का जुर्माना भी ठोंका। यहाँ तक कि उस समय दोषी के घर शिकायत लेकर पहुंचे बच्ची के पिता को धक्का देने वाले एक व्यक्ति को भी चार साल की सजा और पांच हजार जुर्माना ठोंका गया है। जुर्माने के आधी राशि बच्ची के पिता को दी जाएगी।
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