नई दिल्ली/ फरीदाबाद: कोरोना काल में जहाँ देश के 80 फीसदी से ज्यादा लोग तवाह हो गए। लाखों लोगों की जान चली गई तो वहीं कुछ मालामाल भी हो गए। किसी ने मजदूरों को लूटा तो कोई फर्जी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट बनाकर लूटने लगा। कई भ्रष्टों ने अन्य तरीके से लोगों को लूटना शुरू कर दिया। ऐसा ही नहीं है देश के अच्छे लोगों ने करोड़ों जरूरतमंदों की मदद भी इसी दौरान की। देश की कुछ अस्पतालों पर सवाल भी उठे जहां अगर भूले से कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज चला गया तो लुट गया और यही कारण है कि देश के हजारों लोग घर में खांसते रहे और गरम चीजें खाते पीते रहे और न अस्पताल गए न उन्होंने कोई टेस्ट करवाया। उन्हें डर था कि रिपोर्ट जानबूझकर पॉजिटिव बनाई जा सकती है और अस्पताल में जाने पर उनकी खांसी और बढ़ाकर, उनका बुखार और बढाकर उन्हें लूटा जा सकता है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के एक पूर्व मंत्री के पुत्र ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। वो अब भी कोरोना पॉजिटिव हैं। पूर्व मंत्री स्वर्गीय पंडित शिव चरण लाल शर्मा के पुत्र एवं एनआईटी फरीदाबाद के विधायक पंडित नीरज शर्मा के भाई मुनेश शर्मा की ये पोस्ट पढ़ें। चौंकाने वाली पोस्ट है।
मेरी नज़र मैं ईश्वर के बाद डॉक्टर का ही दर्जा है ओर मुझे अपने शहर के डॉक्टर्स पर गर्व है चाहे वह डॉक्टर बंसल जी हों हेमंत अत्तरी जी हों सुरेश अरोरा जी हों मिधुर जी हों अतुल जी हो दीपाली जी हों साहिल जी हों डॉक्टर पुरुथि जी हों ऐसे बहुत सारे परिचत डॉक्टर्स हैं जो रात दिन शहर के हित के लिए कार्य कर रहें हैं। मेरी इस पोस्ट का मकसद आप सबको चेतना है जो मेरे साथ हुआ वह आपके किसी जानकार के साथ न हो इसे किर्पया ज्यादा से ज्यादा शेयर जरूर करें ताकि qrg सेक्टर 16 जैसे अस्पताल की असलियत लोगों के आगे आ सकें।
जैसा कि आप सबको पता था मेरी कोरोनॉ रिपोर्ट 13 को पोसिटिव आई थी मैं घर पर ही होम isolate था 23 तारिख को रात मुझे पहले बार 100 से ऊपर बुखार आया सलाह करने के बाद सबने चेककप कराने के लिए बोला ।24।10।2020 दिन मेरी जिंदगी का एक ऐसा दिन रहेगा जो आसानी से मुझे नहीं भूलेगा 24।10।2020 को गलती से दोपहर 12 बजे के करीब जो बुखार मुझे 5 या 7दिन बाद आया था उसकी जांच के लिए मैं qrg हॉस्पिटल सेक्टर 16 चला गया वहां डॉक्टर्स की टीम ने मुझे खून की जांच व xray व ctscan के लिए 1 या 2 दिन के लिए भर्ती होने की सलाह दी ताकि यदि शरीर मे कोई इन्फेक्शन हो वह पता चल जाये और उसका समय पर इलाज हो जाये मैअस्पताल पर विश्वास करके भर्ती हो गया ओर 25000 रुपये इन्शुरन्स के अलावा उनके कहने पर जमा भी करा दिए वहां मुझे c1242 रूम नंबर allot किया गया रूम मैं घुसने के साथ ही मुझे हवा मैं अजीब से गंध महक महसूस हुई और मैने उसी समय इसकी शिकायत की स्टाफ ने यह कहकर की अभी रूम फ्रेशनर कर देते हैं उससे ठीक हो जाएगा 5 मिनट के बाद ही मेरा वहां जी मिचलाने लगा और मुझे खांसी का धसका शुरू हो गया पूरे कोरोनॉ काल मे मुझे 10 बार भी खांसी नही हुई थी लेकिन उस रूम के अंदर मेरी खांसी रुक नही रही थी स्टाफ को मैने बहुत बार कहा लेकिन कोई भी मेरी मदद करने को समर्थ नही था।
2 बजे के करीब मैंने अपने थर्मामीटर से टेम्प नाप तो वह 103 show कर रहा था मैंने फिर स्टाफ को कहा मुझे बहुत बुखार है कोई दवाई दे दीजिए उनका जवाब था डॉक्टर की विजिट के बाद हीआपका इलाज होगा 3 बजे मैंने फिर कहा कि डॉक्टर को ही बुला दीजिए वह बोले डॉक्टर साहब अपने आप आएंगे 4 बजे तक मेरी खांसी लगातार बढ़ती रही ओर मेरे आंखों से आंसू आने लगे लेकिन हॉस्पिटल की तरफ से कोई त्वज़ो नही दी गई जब खांसी जानलेवा होने लगी तो मैने घर से अपने भाई समान मित्र विनय को बुलाया क्योंकि वह 10 दिन पहले ही नेगेटिव हुए थे इसलिए उनको पोसिटिव से कोई डर नही था तब तक मुझे 103 से 104 बुखार आ रहा था लेकिन अस्पताल का कोई ध्यान नही था मैंने विनय को यहां से डिस्चार्ज कराने को कहाँ लेकिन अस्पताल वाले डिस्चार्ज करने के लिए भी आना कानी करने लगे बाद मैं बड़ी मुश्किल से डिस्चार्ज पर राजी हुए ।जाते जाते भी अस्पताल वालों ने 3000 रुपये की डिमांड ओर रखी मैने वह भी जमा करा दिए लेकिन में बुखार मैं पीड़ित रहा जब मुझसे सहन नही हुआ तो दर्द के मारे मेरे आसूं निकलने लगे और मैंने भीख के रूप मे डोलो मांगी तब जाकर डोलो की एक गोली मुझे दी गई मन मैं मेरे कई ख्याल आ रहे थे चाहता तो आप को उसी समय बुला सकता था लेकिन फिर यह सोचा यहां भी तो हमारे परिवार के लोग भर्ती है उनका किसी तरीके का नुकसान न हो इसलिए चुपचाप अस्पताल से निकल गया जैसे ही मैं अपनी गाड़ी मैं बैठा मेरी खांसी अपने आप कम होने लगी लेकिन अस्पताल के कमरे के 4 घंटे शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचा चुके थे परिवार वालों से सबसे सलाह करके मुझे वेदांता किसी तरीके से पहुंचाया ओर अभी यहां मैं स्वस्थ्य महसूस कर रहा हूँ.
Qrg सेक्टर 16 अस्पताल ने किसी भी तरीके की स्वास्थ्य सेवा अस्पताल वालों ने मुझे मुहैया नही कराई सिर्फ मेरे खून के सैंपल लिए ओर इन्शुरन्स का तो पता नहीं वहां से क्या लिया होगा लेकिन मुझसे 28000 नकद लिए बात पैसे की नही है बात इस बात की है क्या qrg जैसी स्वास्थ्य सेवाएं हमारे शहर फरीदाबाद के लिए अभिशाप नही है जिनको लिए हम ओर आप सिर्फ id नंबर है क्या इस अस्पताल पर कानूनी कारवाई नहीं होनी चाइए । 10 दिन पहले इससे मिलता जुलता वाकया छोटे भाई नीरज के साथ भी हुआ था तब मैंने कोई खास ध्यान नही दिया था आपसे निवेदन है कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनिये ओर कोशिश कीजिये ऐसे घटिया अस्पताल मे आपको जाना न पड़े जहां कोई सुनवाई नही है ।मेरा यह मानना है कि मेरी जान यदि 24 तारीख को बच पाई तो वह ईश्वर के आशीवार्द मंत्री जी के किये हुए अच्छे कर्म और आपके प्यार और दुआओं के कारण ।बोलने मैं थोड़ा दर्द होता है इसलिए आज सिर्फ व्हाट्सएप्प मैसेज पर ही आपको जवाब दे पाऊंगा ।
दिल से आभारी हूँ आपका इस विषय पर आपकी मदद की जरूरत है ताकि असलियत लोगों के आगे आये सबूत के तौर पर कागज साथ सलंग्न है
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