फरीदाबाद, 5 अक्टूबर। भारत मे बढ़ते हुए कोरोना के मामलो मे जब तक कोई कारगर दवा नही बनती तब तक प्लाज्मा ही कोरोना से जंग मे कारगर साबित हो रहा है। कोरोना के गम्भीर इन्फेकशन मे सबसे पहले प्लाज्मा थेरेपी के द्वारा कोशिश की जा रही है जिससे कई मरीज ठीक हो भी रहे है और कोरोना से जंग के खिलाफ सबसे कारगर साबित हो रहा है परंतु जिस संख्या मे प्लाज्मा की ज़रूरत है उतने कोरोना से जंग जीते हुए साथी प्लाज्मा दान के लिये आगे नहीं आ रहे। इसके लिये जिला प्रशासन द्वारा निरन्तर डोनर को प्रोत्साहित करने के प्रयास विभिन्न गतिविधिया द्वारा किया जा रहे है।
परंतु इसी मे कोरोना से जंग जीते कुछ ऐसे फरीदाबाद वासी भी है जो की कोरोना से पूरी तरह खुद कोरोना से रिकवर हुए और अब उसके बाद प्रशासन द्वारा स्थापित ईएसआईसी प्लाज्मा बैंक मे प्लाज्मा डोनेट करने के लिये लोग स्वतः आगे आ भी रहे है। इनमे कुछ साथी ऐसे भी है जो लगातार प्लाज्मा दान कर रहे है।
फरीदाबाद निवासी सुनील मस्ता जिले मे सबसे ज्यादा बार प्लाज्मा दान कर एक मिसाल कायम की है। प्लाज्मा दान मे ज़रूरी है कि इच्छा-शक्ति के साथ साथ आपके शारीर मे प्रयाप्त एंटीबॉडी भी बननी चाहिये सुनिल मस्ता की एंटीबॉडी अभी बिल्कुल मानक के अनुसार है जिससे कि वो प्लाज्मा दान करने मे सक्षम है।
सुनिल कहते है ये उपर वाले की नेमत है, कि कोरोना जैसी महामारी से उस भगवान ने पता नहीं किस दुआ से मुझे बचाया और मेरे परिवार को बचाए रखा। अब मेरा फर्ज है कि मुझे ये शक्ति मिली है तो जब तक मेरे शरीर मे एंटीबॉडी है तब तक जो लोग कोरोना से गम्भीर स्थिति में हैं उनको प्लाज्मा दान कर उन्हें जीवन दान देता रहूंगा। प्रशासन और ईएसआईसी स्टाफ़ से पूर्ण सहयोग मिल रहा है।
जिला प्लाज्मा कोआर्डिनेटर उमेश अरोरा बताते है कि सुनिल प्लाज्मा डोनर के साथ-साथ प्लाज्मा के लिये जागृत करने मे भी पूरा सहयोग कर रहे है। जहाँ कही भी कोई मीटिंग होती है सुनिल हमारे साथ चलते है और कोरोना से रिकवर हुए व्यक्तियो को अपना उदहारण दे कर प्लाज्मा दान के लिये प्रेरित करते है। इनके साथ-साथ 5 बार प्लाज्मा दे चुके अमित रतरा, बलदेव राज सिक्का, प्रदीप सिंह, 3 बार प्लाज्मा दे चुके आशीष लरोईया प्लाज्मा डोनेट करने के साथ-साथ प्रशासन का पूरा सहयोग दे रहे है।
ईएसआईसी प्लाज्मा बैंक की संयोजक डॉक्टर निमिशा शर्मा बताती है कि प्लाज्मा बैंक मे बहुत से लोग प्लाज्मा देने के लिये आ रहे है परंतु बहुत से लोगो में मानको के अनुसार एंटीबॉडी इतनी नहीं होती कि उनकी डोनेशन ली जा सके। सुनिल मस्ता की एंटीबॉडी अच्छी बनी है जो बहुत कम लोगो मे ही होती है। सुनिल फरीदाबाद मे सबसे ज्यादा बार प्लाज्मा दान दे चुके है और वो हर 15 दिन बाद अपने आप ही पलाज़्मा दान के लिये ईएसआईसी पहुंच अपना एंटीबॉडी का सैंपल देते है।
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