उन्होंने कहा कि ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है। आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था।भगवान श्रीराम के आदर्श, उनके संस्कार अगर आज भारत के कोने-कोने में हमें एक दूसरे से जोड़ रहे हैं, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय महर्षि वाल्मिकी जी को ही जाता है। राष्ट्र और मातृभूमि को सबसे बढ़कर मानने का महर्षि वाल्मीकि का जो मंत्र था, वही आज राष्ट्र प्रथम का मजबूत आधार है।
पीएम ने कहा कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि पूरी मानवजाति को कोरोना जैसी महामारी की सामना करना पड़ेगा। लेकिन इस महामारी के सामने देश ने जिस तरह अपने सामूहिक सामर्थ्य को, अपनी सामूहिक इच्छाशक्ति को साबित किया वो अभूतपूर्व है।कोरोना वारियर्स के सम्मान में 130 करोड़ देशवासियों ने एक होकर जो जज्बा दिखाया, एकता का जो संदेश दिया, उसने 8 महीने से हमें इस संकट से लड़ने, जूझने और विजयपथ पर आगे बढ़ने की ताकत दी है। आज भारत कोरोना से उभर भी रहा है और एकजुट होकर आगे भी बढ़ रहा है। ये वैसी ही एकजुटता है जिसकी कल्पना लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी।हमारे कोरोना वारियर्स हमारे पुलिस के अनेक होनहार साथियों ने दूसरों का जीवन बचाने के लिए अपना जीवन दे दिया। आजादी के बाद मानव सेवा और सुरक्षा के लिए जीवन देना इस देश के पुलिस बेड़े की विशेषता रही है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के विकास में जो बाधायें आ रही थीं, उन्हें पीछे छोडकर अब कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है। चाहे नॉर्थईस्ट में शांति की बहाली हो, या नॉर्थईस्ट के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, आज देश एकता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है। देश राममंदिर पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले का साक्षी बना है, और भव्य राममंदिर को बनते भी देख रहा है।आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों में है। आज भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है। हमें ये हमेशा याद रखना है कि हम सभी के लिए सर्वोच्च हित- देशहित है।आज अवसर है इस विराट और भव्य व्यक्तित्व के चरणों मे हम उसी भारत के निर्माण का संकल्प दोहराएं, जिसका सपना सरदार पटेल ने देखा था।
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