नई दिल्ली- वर्तमान में केंद्र सरकार का पूरा ध्यान बिहार विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में हो रहे उप-चुनाव पर है इसलिए जमाखोरों की मौज आ गई है। खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे हैं। आलू, प्याज और टमाटर ही नहीं कई सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। कल देश के कई बड़े शहरों में प्याज ने शतक मार दिया और 100 रूपये प्रति किलो से ऊपर बिकी। प्याज की कीमत जब सुर्खियां बनने लगी तब शायद सरकार को लगा कि कहीं ये चुनावी मुद्दा न बन जाए इसलिए आनन् फानन में कुछ आदेश जारी किये गए हैं। वैसे नवरात्री आज ख़त्म हो रहे हैं और लोग आलू के लिए तरस गए। सरकार ने कुछ नहीं सोंचा। ऐसे दिनों में लोग आलू का प्रयोग ज्यादा करते हैं। जो व्रत रहते है आलू उबालकर या अन्य तरीके से खाते हैं लेकिन देश के इतिहास में पहली बार नवरात्रो पर आलू की औसत कीमत 40 रूपये प्रति किलो रही।
अब खुदरा व्यापारी अपने गोदाम में अब केवल दो टन तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि थोक व्यापारियों को 25 टन तक प्याज रखने की अनुमति होगी। यह कदम प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए उठाया गया है। सूत्रों की मानें तो इन दो हफ़्तों में जमाखोरों ने अपना काम कर लिया है। फिलहाल इतनी जल्दी कीमतों में शायद ही लगाम लग सके और जमाखोर अपना काम करते रहेंगे।उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल का ये ट्वीट आया है जिससे लगता है सरकार जाग गई है।
उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर प्याज उपलब्ध कराने के लिए PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा अनेकों कदम उठाये गये हैं।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 23, 2020
इनमें प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से लेकर, आयात के नियमों में ढील, और बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति जैसे कदम शामिल हैं।
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