फरीदाबाद: शहर में एक समय ऐसे भी पुलिस कमिश्नर आये थे जिनके तबादले के बाद फरीदाबाद के लोग सड़कों पर उतर गए थे और नहीं चाहते थे कि वो शहर से कहीं और जाएँ। शहर में ऐसे भी पुलिस कमिश्नर आये जिनके जाने की लोग दुआ कर रहे थे कि जल्द इनका तबादला हो जाये। सुभाष यादव के बाद फरीदाबाद में सबसे लोकप्रिय पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह साबित हो रहे हैं। सुभाष यादव अपने समय में सेक्टर 21 दफ्तर में उनसे मिलने पहुंचे हर किसी से मिलते थे और घड़ी नहीं देखते थे कि समय हो गया अब किसी को अंदर मत भेजना। वहां मौजूद पुलिस कर्मियों से कहते थे कि बाहर देख कर आओ कोई और तो मिलने के लिए नहीं बैठा है। उनकी इसी खासियत से शहर के लोगों ने उन्हें दिल में बसा लिया था और जब उनका तबादला हुआ तो हजारों लोग रोये भी थे।
अब फिर शहर को एक अच्छे पुलिस कमिश्नर मिले हैं और ओपी सिंह भी घड़ी नहीं देखते और तय समय के बाद भी वो आफिस में बैठते है और हर किसी से मिलते है और उनसे मिलने गया हर व्यक्ति उनसे मिलकर ही आता है जबकि कोरोना चल रहा है। किसी विभाग के छोटे अधिकारी भी कोरोना के कारण जल्द कुर्सी छोड़ देते हैं लेकिन पुलिस कमिश्नर ओम प्रकाश सिंह का जबाब नहीं। जो उनसे मिलने जाता है संतुष्ट होकर लौटता है। बाहर से दुखी होकर आफिस जाता है और अंदर से खुश होकर लौटता है। एक दो नहीं सैकड़ों लोग हरियाणा अब तक को बता चुके हैं कि सीपी साहब बहुत अच्छे हैं और हर किसी की सुनते है और समस्या का समाधान भी करवाते हैं।
फरीदाबाद में लगातार क्राइम का ग्राफ नीचे आता जा रहा है जिला श्रेय पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह को ही जाता है। आये दिन वो जिले के अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं और अपराध पर लगाम लगाने का आदेश देते हैं। शहर के तमाम पुलिस अधिकारी उनके आदेशों को मान भी रहे हैं तभी अपराध धड़ाम से जमीन पर जा गिरा है। फरीदाबाद में अपराध में कमी का एक बड़ा कारण ये भी है कि नीमका जेल में अब मोबाइल नहीं चलते। नए जेलर जयकिशन छिल्लर के आने के एक हफ्ते बाद ही जेल की सभी बैरकों में आदेश गया कि जिसके पास भी मोबाइल है तुरंत जमा करवा दें नहीं तो बुरा हाल होगा। उसके अगले दिन सौ से काफी ज्यादा मोबाईल जमा हुए थे। इनमे कई आईफोन भी थे और बड़े बदमाश यहीं से अपना काला कारोबार चलाते थे। अधिकतर फोन जमा हुए लेकिन कुछ बदमाशों ने बड़ा फोन जमा कर दिया, छोटा फोन छुपा लिया लेकिन जब जेल प्रशासन को इसके भनक लगी तो जेल के चक्कर पर कई बदमाशों पर जमकर लाठियां भांजी गईं और कइयों को जेल की ड्योही के पास जामुन के पेड़ में बांधकर? जिसके बाद वहां निजी मोबाइल चलने बंद हो गए।
ओपी सिंह के आने के बाद ही ये सब हुआ और अब शहर के लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। उनके कामकाज और उनके व्योहार की तारीफ की जा रही है। वर्तमान समय में शहर में अधिकांश ऐसे भी जुए, सट्टे के अड्डे बंद हैं जो दशकों से चल रहे थे। काले कारोबार करने वाले भी दहशत में हैं। शहर के अधिकतर लोगों का कहना है कि पुलिस कमिश्नर हो तो ऐसा हो। बीच में कई ऐसे पुलिस कमिश्नर भी आये थे जिनसे मिलने अगर कोई जाता था तो कह दिया जाता था कि सीपी साहब हैं नहीं, एसीपी से जाकर मिल लो। लोग दिल की पीड़ा दिल में दबाये वापस आ जाते थे क्यू कि उनका काम नहीं होता था। नीचे के अधिकारी लोगों की समस्या का समाधान नहीं कर पाते थे। अब ऐसे लोग खुश हैं। आज मैं सीपी दफ्तर के बाहर कई घंटे था। उनसे मिलने गए सभी लोग खुश दिखे। चुपचाप मैं लोगों की प्रतिक्रिया ले रहा था। लोगों ने दिल की बात बताई तो लगा कि किंग जैसा काम कर रहे हैं फरीदाबाद के CP ओपी सिंह
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