फरीदाबाद-शहर में अब भी खौफ का माहौल है। कल दिन-दहाड़े बल्लबगढ़ के अग्रवाल कालेज के सामने जिस तरह से एक छात्रा की हत्या की गई उससे हर वो कोई चिंतित है जिनके घरों में बेटियां हैं। लोग बेटियों को स्कूल कालेज भेजने के पहले कई बार सोंचते हैं। बेटियों पर ऐसे अपराध वहीं हो रहे हैं जहां से पीएम ने कई साल पहले बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया था। जब दिन दहाड़े ऐसे बेटियों को मार डाला जाएगा तो सरकार और पुलिस पर सवाल तो उठेंगे ही। मंहगाई के इस आधुनिक दौर में कितनी मेहनत कर लोग अपनी बेटियों को पढ़ाते हैं और बड़े सपने देखते हैं लेकिन अगर किसी बेटी की इस तरह से हत्या कर दी जाए तो आप समझ सकते हैं उस परिवार को कितना दुःख पहुंचा होगा।
मिली जानकारी के मुताबिक़ छात्रा के पिता मूलचंद तोमर मूलरूप से यूपी के हापुड़ निवासी हैं, लेकिन लंबे समय से यहां सेक्टर-23 के पास रिहायशी सोसायटी में रहते हैं। उनके मुताबिक रोजका मेव निवासी तौफिक नाम का युवक 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था। वह उस पर दोस्ती के लिए दबाव डालता था, मगर उसने इसके लिए साफ इनकार कर दिया था। तौफीक ने साल 2018 में छात्रा का अपहरण भी किया था, मगर तब लोकलाज के चलते परिवार ने समझौता कर लिया था। पुलिस ने छात्रा के भाई नवीन की शिकायत पर तौफिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
छात्रा के भाई ने बताया कि निकिता परीक्षा देने के लिए कॉलेज गई थी। मां विजयवती और वो कालेज के बाहर इसका इंतजार कर रहे थे। शाम करीब 4 बजे वह परीक्षा देकर बाहर आई। कालेज गेट से थोड़ा आगे एक आइ-20 कार आकर उसके पास रुकी। उसमें से तौफिक निकला। उसने निकिता को कार में खींचने का प्रयास किया। तभी तौफिक ने उसकी मां और भाई को देखा। उसने कट्टा निकालकर निकिता के ऊपर गोली चला दी, जो उसके कंधे में लगी। गोली लगने पर वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ी। आरोपित अपने साथी संग कार में बैठकर फरार हो गया। मां और भाई ने निकिता को अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
फरीदाबाद की बात करें तो कई तौफीक सड़कों पर घूम रहे हैं। पुलिस ने शिकंजा नहीं कसा तो फरीदाबाद का हाल कानपुर जैसे हो सकता है। लव जिहाद के तमाम मामले आ सकते हैं। सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर तमाम तौफीक किसी निकिता तोमर जैसी बेटियों को जाल में फंसा सकते हैं। कुछ ऐसा कर भी रहे हैं। जहाँ फंसने की बात आती है वहां ये थाने चौकी में समझौते कर लेते हैं और तब भी नहीं सुधरते हैं। यही तो निकिता के साथ भी हुआ था। समझौता हुआ लेकिन जेहादी तो जेहादी हैं। उसने अपने काम को अंजाम दे दिया और एक घर से उसकी बेटी छीन ली। इस्लाम धर्म तो नहीं कबूल करवा सका। उसकी जान ले ली।
Post A Comment:
0 comments: