नई दिल्ली/ फरीदाबाद: मार्च में कोरोना का आगमन न होता तो दिल्ली की शाहीन बाग़ की सड़क शायद ही जल्द खाली होती। कोरोना के आगमन के बाद ही शाहीन बाग़ की सड़क खाली हुई क्यू कि सड़क पर बैठे लोगों को कोरोना होने लगा था और कई कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इस मुख्य सड़क से रोजाना कई लाख लोग आते जाते थे। सैकड़ों दुकानें हैं लेकिन दिल्ली पुलिस ये सड़क नहीं खाली करवा सकी। कोरोना ने खाली करवाया था। दुकानदार परेशान थे जिनका तीन महीने का धंधा चौपट हो गया। लाखों लोग अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए कई किलोमीटर घूमकर जाते थे। दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन हैं। केंद्र में सरकार भाजपा की है। भाजपा की बात करें तो आज फरीदाबाद में भी भाजपा पर कई बड़े सवाल उठाये गए। ये सवाल निकिता के परिजनों ने उठाये जिस निकिता की सोमवार को कालेज के सामने सरेआम हत्या कर दी गई थी।
निकिता के साथ पढ़ने वाली तमाम छात्राएं निकिता की हत्या से दुखी हैं और कल तमाम छात्राएं और कुछ छात्र धरने पर बैठ गए। एक छोटा सा टेंट भी लगा लिया क्यू कि मौसम अब सर्द होने लगा है लेकिन रात्रि लगभग डेढ़ बजे पुलिस ने टेंट उखाड़ दिया। आज शाम जब आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद सुशील गुप्ता निकिता के घर पहुंचे तो निकिता के परिजनों ने उनके सामने कहा कि तीन महीने तक पुलिस शाहीन बाग़ के टेंट को छू तक नहीं पाई और धरने पर बैठीं बेटी की साथी छात्राएं और छात्रों का टेंट कुछ घंटे में ही उखाड़ दिया गया। निकिता के परिजनों ने कहा कि 2018 से अब तक हमारे साथ अन्याय ही हो रहा है। हमारी बेटी को सरेआम गोली मार दी गई और जब हमारी बेटी के साथ पढ़ने वाले छात्र आवाज उठा रहे हैं तो उनकी आवाज दबाने का प्रयास भाजपा सरकार और उनकी पुलिस कर रही है। आज वहां करणी सेना के चीफ सूरजपाल अम्मू, बल्लबगढ़ की पूर्व विधायिका शारदा राठौर सहित हिन्दू संगठन के तमाम लोग पहुंचे और अग्रवाल कालेज के बार पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।
निकिता के घर मौजूद लोगों ने कहा कि वर्तमान सरकार से उनका भरोषा उठता जा रहा है। सबसे ज्यादा लोग सीएम मनोहर लाल से नाराज दिख रहे हैं। उन्ही के कार्यकाल में 2018 में निकिता का अपहरण हुआ था, उन्ही के कार्यकाल में अब उसकी हत्या की गई और न्याय के लिए आवाज उठाने वालों की आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है। निकिता के घर में मौजूद महिलाओं ने कहा कि हमारी बेटी का चेहरा सरेआम दिखाया जा रहा है जबकि हत्यारों के चेहरे पर नकाब है। ये सब अच्छा नहीं हो रहा है। हत्यारों के चेहरों को भी सार्वजनिक करना चाहिए ताकि उन्हें देश के लोग पहचान सकें।
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