नई दिल्ली- दिल्ली से हाथरस जा रहे मथुरा में गिरफ्तार किये गए पीएफआई के चार लोगों से कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि ये चारों एक कार में जा रहे थे। इनकी गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत होने पर उन्हें रोका गया और हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पीएफआई और उसके सह संगठन से संबंधों का पता चला। इनमें अतीक उर रहमान पुत्र रौनक अली निवासी नगला थाना रतनपुरी जिला मुजफ्फरनगर, सिद्दीकी पुत्र मोहम्मद चैरूर निवासी बेंगारा थाना मल्लपुरम केरल, मसूद अहमद निवासी कस्बा व थाना जरवल जिला बहराइच तथा आलम पुत्र लईक पहलवान निवासी घेर फतेह खान थाना कोतवाली जिला रामपुर शामिल हैं। चारों के कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप एवं शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला संदिग्ध साहित्य प्राप्त हुआ। चारों के विरुद्ध मांट थाने के द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
हाथरस की बात करें तो एक पूरा गैंग हाथरस में दंगे करवाने का प्रयास कर रहा था और पीड़िता के परिजनों को बहकाने का प्रयास कर रहा था। एक तथाकथित पत्रकार भी शक के दायरे में है जिसका आडियो वायरल हुआ था। इस आडियो में पीड़िता के परिजनों को बहकाने का प्रयास किया जा रहा था। कुछ नेता भी शक के दायरे में हैं। इस मामले में चंदपा थाने में जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमे एक दो नहीं 20 धाराएं लगाईं गईं हैं। इस मुकदमे में अज्ञात मीडियाकर्मी व सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को आरोपी बनाया गया है।
इस मुकदमे में उस ऑडियो टेप का भी जिक्र किया गया है, जिसमें बिटिया के भाइयों को बरगलाने की बात सार्वजनिक हुई थी। चंदपा थाने में धारा 109, 120 बी, 124 ए, 153 ए, 153 ए 1, 153 ए 1 ए, 153 ए 1 बी, 153 ए 1 सी, 153 बी, 195, 195 ए, 465, 468, 469, 501, 505/1, 501/1 बी, 505/1सी, 505/2 व 67 आईटी एक्ट के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया है।
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