नई दिल्ली/ फरीदाबाद: वर्ष 2015 में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने विधानसभा में गौ हत्या विरोधी कानून लेकर आये राज्य में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और गौ हत्या करने वालों के लिए 10 वर्षों की सजा का एलान किया। तीस हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया और कहा गया कि जुर्माना न भरने पर एक वर्ष का और कारावास भुगतना होगा। गो संवर्धन विधेयक 2015 सर्व सम्मति से विधानसभा में पारित हुआ। 5 वर्ष हो गए। हर तीसरे दिन किसी न किसी जिले से गौ तस्करी और गौकशी की खबरें आतीं हैं। 5 वर्ष में एक दो नहीं सैकड़ों मामले आये लेकिन सजा शायद किसी एक को नहीं मिली इसलिए ये क़ानून शायद कागजों पर ही बना है। इस दौरान तमाम पुलिस कर्मियों और गौरक्षकों पर गौतस्करों ने गोली भी चलाई और कुछ पुलिसकर्मियों और गौरक्षकों को जान से भी हाथ धोना पड़ा। अब भी गौतस्कर बेख़ौफ़ घूम रहे हैं ,बारदातें कर रहे हैं और अधिकतर गौतस्कर मेवात के हैं और मेवात के बारे में पहले दो खबर आज ही पब्लिश कर चुका हूँ।
मेवात के गौतस्कर क्यू क़ानून और सरकार दिखा रहे हैं? क्यू ऐसी बारदातें अब भी जारी हैं। क्या गो संवर्धन विधेयक 2015 कागजों पर ही पास हुआ और कागजों तक ही सीमित रहेगा। बड़े सवाल उठ रहे हैं। जानवरों की तस्करी करते-करते मेवात के लोग गाड़ियों की चोरी करने लगे और अब मेवात हथियारों की तस्करी और बलात्कारियों को शरण देने के लिए बदनाम हो चुका है। यहाँ अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस के एक दो जवान नहीं जाते। कहा जाता है कि पुलिस पर मेवाती हमले कर देते हैं। पुलिस की पूरी फ़ौज जाती है तभी अपराधी पकडे जाते हैं। देखें कैसे पुलिसकर्मियों पर हमला करते हैं गौतस्कर खबर जारी है।
मेवात राजधानी से ज्यादा दूर नहीं है और यहाँ के अपराधियों के हौसले ऐसे बुलंद होते रहे तो जल्द राजधानी में यहाँ के लोग तांडव मचाएंगे। सूत्रों की मानें तो मेवात विभिन्न इलाकों में अपराधियों के जो गैंग्स सक्रिय हैं। उन्हें मेवाती गैंग कहा जाता है और ये गैंग्स दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों की पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। मेवात आतंकवादियों को शरण देने से लेकर लूटपाट, डकैती, अपरहरण और हत्या जैसे अपराधों के लिए भी बदनाम है. मेवात में इस समय अपराधियों के करीब 100 से ज्यादा गैंग्स सक्रिय हैं। ऐसा क्यू हो रहा है। सरकार कब इस पर ध्यान देगी। कब तक मेवात के लोग तांडव मचाते रहेंगे। जब गाय नहीं बचा पाए तब बेटियां कैसे बचा पाओगे।
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