चंडीगढ़, 26 अक्तूबर- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सडक़ व रेल कनेक्टिविटी में निरन्तर सुधार के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब एयर कनेक्टिविटी पर फोकस करते हुए कल 27 अक्तूबर, 2020 को रन-वे विस्तार के लिए भूमिपूजन के साथ हिसार में अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब विकसित करने की शुरुआत करेंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में सडक़ों के सुदृढ़ीकरण, मैट्रो के विस्तार तथा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर प्रणाली विकसित करने की विशेष पहल की गई है। हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड के नाम से एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है जिसके माध्यम से हरियाणा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विभिन्न रेलवे प्रोजेक्ट क्रियान्वित किए जा रहे हैं। मानवरहित रेलवे फाटकों को बंद करने पर कार्य चल रहा है और जहां-जहां आवश्यकता है, वहां पर रेलवे ऊपरगामी पुलों या रेलवे अंडरपास (आरयूबी) का निर्माण करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हिसार में अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब के विकास के लिए एक मजबूत एवं मूलभूत परिकल्पना को प्रोत्साहित करने की दिशा में हरियाणा सरकार भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के साथ पहले ही एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर चुकी है।
प्रवक्ता ने कहा कि हिसार से प्रस्तावित विमानन हब में अंतर्राष्ट्रीय मानक के हवाई अड्डे के साथ 9,000 फुट रन-वे, एयरलाइंस और जनरल एविएशन (जीए) ऑपरेटरों के लिए पर्याप्त पार्किंग, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधाएं, एयरोस्पेस विश्वविद्यालय, पायलटों, इंजीनियरों और ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ के लिए ग्लोबल ट्रेनिंग सेंटर और आवासीय और वाणिज्यिक विकास की योजना शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि उन्नत हिसार हवाई अड्डे से यूडीएएन ॥ के कार्यान्वयन के लिए एक बड़े एप्रन, छोटे यात्री टर्मिनल और ए 320 प्रकार के विमानों को समायोजित करने के लिए तीन हैंगर का निर्माण किया जा रहा हैं। हिसार में एविएशन हब के विकास हेतू राज्य सरकार का मार्गदर्शन करने के लिए डोमेन विशेषज्ञों के एक संयुक्त कार्यसमूह का गठन किया गया है।
प्रदेश के पांच हवाई अड्डों में मौजूदा हवाई पट्टियों का विस्तार करने का निर्णय लिया है। हिसार हवाई अड्डे को विमानन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा यहां के रन-वे की लम्बाई 9000 फुट तक बढ़ाई जाएगी, जबकि करनाल, पिंजौर, भिवानी और नारनौल में अन्य चार हवाई पट्टियों का विस्तार 5000 फुट तक किया जाएगा, ताकि इन स्थानों पर भी मध्यम आकार के विमानों को पार्किंग, सब-बेसिंग, फ्लाइंग प्रशिक्षण के साथ-साथ साहसिक खेलों जैसी विभिन्न गतिविधियों की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। हिसार हवाई अड्डे को केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत पहले ही जोड़ा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट कमेटी ने 5617.69 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑरबिट रेल कॉरिडोर की 121.742 किलोमीटर लंबी दोहरी विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लाइन को स्वीकृति प्रदान की थी। अब हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड ने कैथल शहर की 191.73 करोड़ रुपये की तथा झज्जर-नारनौल नई रेलवे लाइन के व्यवहार्यता अध्ययन करने की दो और नई परियोजनाएं केन्द्र सरकार को भेजी हैं।
उन्होंने बताया कि झज्जर से नारनौल के लिए सीधी रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी और इससे दक्षिण हरियाणा में विकास के नए युग का सूत्रपात होगा। 85 किलोमीटर लम्बी यह रेलवे लाइन उत्तर व दक्षिण हरियाणा को जोड़ेगी तथा पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और नांगलचौधरी में स्थापित किए जा रहे एकीकृत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब को भी जोड़ेगी। उन्होंने बताया कि रोहतक के बाद कैथल हरियाणा का ऐसा दूसरा शहर होगा जहां पर एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण करवाया जाएगा। 135 किलोमीटर लम्बे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे के छ: मार्गी बनने के बाद इस मार्ग के दो किलोमीटर की परिधि के अंदर-अंदर पंचग्राम नाम से पांच नए शहर विकसित किए जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल व मेवात जिले के.एम.पी.एक्सप्रैस वे पर पड़ते हैं। इसके साथ ही कुंडली-गाजियाबाद-पलवल इस्टर्न पेरीफेरी-वे चालू हुआ है, जो दिल्ली के बाहर गुरुग्राम की ओर जाने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल उत्तरी हरियाणा बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी यातायात दबाव कम हुआ है और गाजियाबाद, नोएडा से जुडकऱ पश्चिमी राज्यों के बंदरगाहों को दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद व पलवल जिलों से द्रुत गति लिंक उपलब्ध हुआ है। इसी प्रकार, दिल्ली मैट्रो का विस्तार गुरुग्राम से मानेसर तक किया जा चुका है। गुरुग्राम को फरीदाबाद के साथ मैट्रो से जोडऩे के प्रस्ताव पर भी तेजी से कार्य चल रहा है।
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