चडीगढ़, 12 अक्तूबर- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा है कि पिछले छ: वर्षों से केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व राज्य में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध व खुशहाल बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इस कड़ी में डिजिटल माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ सीधा किसानों को दिया जा रहा है।
दलाल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि में भी लगभग 17 लाख किसान परिवारों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए कई नई योजनाएं बनाकर उनके आर्थिक विकास के द्वार खोले हैं। क्योंकि ‘‘किसान खुशहाल तो हरियाणा खुशहाल, हरियाणा खुशहाल तो देश खुशहाल’’।
दलाल ने कहा कि सरकार की सोच है कि किसान को आढ़ती व साहूकार के पास कम से कम उधार के लिए जाना पड़े, इसके लिए आपातकालीन स्थिति में किसानों को तत्काल आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए एक आपातकालीन फंड तैयार करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
किसानों की समृद्धि के लिए हरियाणा की पहल पर ही केन्द्र सरकार ने वर्ष 2017 से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य हर वर्ष समय से पहले घोषित करना आरंभ किया है। इस वर्ष भी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में कृषि लागत के 50 से 83 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। यदि वर्ष 2017 से हर वर्ष 2022 तक इस बढ़ोतरी का विश्लेषण किया जाए तो हम इस निष्कर्ष पर आसानी से पहुंच सकते हैं कि इससे प्रधानमंत्री का लक्ष्य के अनुरूप किसानों की आय वर्ष 2022 तक लगभग दोगुणी हो जाएगी।
दलाल ने कहा कि कृषि के साथ-साथ किसानों की आय सम्बद्ध क्षेत्रों से भी बढ़े, जिसमें पशुपालन एक प्रमुख क्षेत्र है। हरियाणा को प्रति व्यक्ति दूध उत्पादकता में भी देश का एक अग्रणी राज्य बनाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुधन-क्रेडिट कार्ड योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत पशुपालक को पशुओं के रख-रखाव के लिए ऋण के रूप में सहायता दी जा रही है जिसकी अधिकतम सीमा तीन लाख रुपये है।
हरियाणा में लगभग 16 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास दुधारु पशु हैं और इनकी टैगिंग की जा रही है। भौगोलिक दृष्टि से दिल्ली व आसपास की लगभग 5 करोड़ जनसंख्या की रोजमर्रा की फल-फूल, सब्जी, दूध, अण्डे, मांस इत्यादि की जरूरतों को पूरा करने में हरियाणा अन्य राज्यों की तुलना में सबसे उपयुक्त है। प्रदेश के किसान की पकड़ इस बाजार पर हो, इस दिशा में हरियाणा ने आगे बढऩे की पहल की है और किसानों के लिए नई-नई योजनाएं तैयार की हैं।
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