फरीदाबाद- कुछ भ्रष्टों को छोड़ दें तो वही शहर है जो कोरोनाकाल की शुरुआत में रोजाना लाखों जरूरतमंदों को भोजन कराता था। हर गली, मोहल्ले, कालोनियों में रोजाना शहर के समाजसेवी, कुछ अच्छे पार्षद एवं अन्य नेता और शहर की समाजसेवी संस्थाओं के लोग घर-घर पहुंचा रहे थे। शहर में तमाम अच्छे लोग हैं इसलिए वो 86 वर्षीय बाबा कैसे दुखी रह जाता जिसका एक बच्चा इस दुनिया में नहीं है और दूसरा लकवा का शिकार है और बाबा को इस उम्र में झालमुड़ी बेंच अपना गुजारा करना पड़ रहा है।
बाबा का वीडियो thegreatindianfoodie के सुकृत जैन ने बनाया था। जैन ने बाबा की मदद के लिए एक अभियान भी चलाया और उन्होंने हरियाणा अब तक को बताया कि उन्होंने बाब के लिए बहुत कम समय में 57 हजार रूपये इकठ्ठा कर लिया है और कल जाकर बाबा को ये पैसे देंगे। अब शायद बाब के दुःख दूर हो जाएँ और उन्हें अपना नसीब बेंच पेट भरने पर मजबूर न होना पड़े।
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