नई दिल्ली/ फरीदाबाद: कई साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर 2022 तक सबको घर देने की बात कह चुके हैं। आखिर कैसे सभी गरीबों को घर मिलेगा? ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से तैयार विजन डाक्यूमेंट में इस सवाल का जवाब छिपा हुआ है। वर्ष 2019 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का दूसरा चरण भी शुरू हो चुका है। कुछ राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस योजना के तहत तमाम ग्रामीणों को मकान मिल भी चुके हैं। शहरी क्षेत्रों की बात करें तो लगता नहीं है कि इन क्षेत्रों में 2022 तक हर किसी के पास अपना मकान होगा।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले की बात करें तो यहाँ वर्तमान समय में गरीबों को मकान मिलते कम दिख रहे हैं, गरीबों के मकान छिनते जरूर दिख रहे हैं। हाल में कई अवैध कालोनियों में सैकड़ों घर ध्वश्त कर दिए गए। सम्बंधित विभाग के अधिकारी हर प्रेस नोट में कहते है कि अवैध कालोनी में मकान न खरीदें वरना यही हाल होगा। सब तोड़ दिए जाएंगे। तमाम घर ऐसे भी तोड़े गए तो दशकों पहले बने थे। घर बनाने वालों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई घर बनाने और जमीन खरीदने में लगा दी थी लेकिन उनकी आँखों के सामने उनका सब कुछ लुट गया। आवाज तक भी नहीं निकाल सके क्यू कि ऐसी जगहों पर भारी पुलिस भी मौजूद होती है। हाल में एनआईटी फरीदाबाद के डबुआ क्षेत्र में भी अधिकारी तोड़फोड़ करने पहुंचे लेकिन पूर्व विधायक नागेंद्र भड़ाना ने डीसी से बात कर तोड़फोड़ रुकवा दी। हर क्षेत्र के नेता ऐसे नहीं हैं और तमाम क्षेत्रो में तोड़फोड़ विभाग के अधिकारी किसी की नहीं सुनते।
फरीदाबाद में कई हफ़्तों से लगातार हो रही इस तोड़फोड़ पर अब दबी जुबान में कई तरह के चर्चे भी हैं। ये चर्चे भाजपा, कांग्रेस के नेता और छोटे प्रापर्टी डीलर कर रहे हैं। इन सबका कहना है कि फरीदाबाद में बड़ा खेल चल रहा है। देश के टॉप अमीरों की सूची में शामिल होने के लिए कोई इस तोड़फोड़ के पीछे है ताकि उसके खरीदी गयी हजारों एकड़ जमीन मंहगी हो जाए और फिर वो मन मुताबिक़ दाम पर अपनी जमीन में प्लाटिंग कर हजारों करोड़ रूपये अपनी तिजोरी में भर ले और टॉप अमीरों की गिनती में उसका भी नाम आने लगे। कहा जा रहा है कि छोटे डीलरों ने ढाई तीन एकड़ जमीन ली थी जिसका सीएलयू पास नहीं होता और चार एकड़ या उससे ज्यादा का सीएलयू पास होता है इसलिए छोटे डीलरों से जिन गरीबों ने प्लाट खरीद घर बनाया था उनके घर तोड़े जा रहे हैं।
उस व्यक्ति के बारे में अफवाह है कि उसने जहाँ भी जमीन ली है चार एकड़ से ज्यादा ली है इसलिए वो अन्य छोटे डीलरों के बेंचें गए प्लाटों को तहस-नहस करवा रहा है ताकि अब फरीदाबाद में अगर कोई प्लाट खरीदे तो उसी की जमीन में खरीदे। अफवाह है कि उसने अपनी काली कमाई को जमीन खरीदने में खर्च की है और हजारों एकड़ जमीन खरीद चुका है और अपने नाम से नहीं अन्य-अन्य नामों से ताकि फंसने का कोई मौका किसी को न लगे। वो फरीदाबाद का अंबानी बनने का प्रयास कर रहा है ताकि वो शहर का सबसे अमीर शख्स कहलाये ,ऐसे चर्चे शहर में होने लगे हैं।
अब फरीदाबाद के कुछ नेता दबी जुबान में आवाज भी उठा रहे हैं तो किसी का नाम नहीं ले रहे हैं। आज एनआईटी फरीदाबाद के विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि फरीदाबाद के तमाम विभाग के अधिकारी महाभ्रष्ट हैं और इन्हे गरीबों के 50 गज के प्लाट ही दिख रहे हैं। बड़े लोग बड़े-बड़े अवैध निर्माण कर चुके हैं ये अधिकारियों को नहीं दिखता।
आज ही बड़खल से विधानसभा चुनाव लड़ चुके इनेलो नेता अजय भड़ाना ने भी कहा कि कुछ अधिकारी महाभ्रष्ट हैं और इनकी सेक्टरों में करोड़ों की कोठियां हैं। अरावली के आस-पास और अरावली पर भी कई अधिकारीयों के फ़ार्म हॉउस और जमीनें हैं। उन्होंने जल्द ऐसे अधिकारियों के नामों के खुलासे की भी बात कही।
फरीदाबाद की अवैध कालोनियों में अधिकतर प्रवासियों ने पहले प्लाट खरीदा फिर एक दो कमरे भी बना लिए लेकिन अब लगता है उन्हें ये शहर छोड़कर जाना पड़ेगा क्यू कि कोरोनाकाल में रोजी-रोटी-रोजगार छिन गया और अब वो घर भी छिन गया जिसमे जिंदगी भर की जमा पूंजी लगी थी। जिनके अभी बचे हैं उनके अभी छिन भी सकते हैं। अचानक कॉरोनकाल में गरीबों पर ये कहर क्यू और किसके कहने पर बरपाया गया और बरपाया जा रहा है। समय पर सब कुछ पता चल जाएगा क्यू कि बिना आग लगे धुंआ नहीं उठता। कोरोना काल में अगर देश में ट्रेनें, हवाई जहाज, स्कूल बंद हैं तो ये तोड़फोड़ क्यू शुरू हुई? कलयुग है शायद यहाँ सब कुछ संभव है।
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