चंडीगढ़- हर साल प्रदेश के किसानों पर खेतों में पराली जलाने पर पाबंदी लगाईं जाती है। कहा जाता है इससे प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है। इस साल भी पाबंदी लगाईं गई है। किसान अगर खेतों में पराली जलाएंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। कल फरीदाबाद के उपायुक्त ने भी कुछ ऐसा ही कहा था। उन्होंने कहा था कि कोई जिले का किसान पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो 2500 रुपये प्रति एकड़ व प्रति किसान जुर्माना किया जाएगा। फरीदाबाद की बात करें तो शहर में रोज कहीं न कहीं से धुंआ उठता रहता है ,कूड़ा कबाड़ा जालाया जाता है। क्या इससे प्रदूषण नहीं फलता? इन पर कार्रवाई क्यू नहीं की जाती।
फरीदाबाद के गांव लालपुर के सरपंच ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं जिनका कहना है कि गांव लालपुर के पास रबड़ की फैक्ट्री में मालिक द्वारा जलाई गई रबड़ आस पास जहरीले धुंए के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है उनके मुताबिक़ कल शाम चार बजे से पुलिस को भी फोन किया पर कारवाई नहीं हो रही है उन्होंने कहा कि लगता है किसान की पिराली का धुआं में ही ज़हर है बाकी और धुआं ठीक है किसान पर तो अब तक कारवाई हो गई होती?
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