नई दिल्ली- हाथरस काण्ड में सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जल्द सच सामने आ सकता है लेकिन हाथरस की कथित भाभी उर्फ़ नक्सल भौजी उर्फ़ जबलपुर की डाक्टर राजकुमारी के बारे में कुछ चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं हैं। डाक्टर राजकुमारी दो साल पहले आगरा में हुए संजलि मर्डर केस में जा चुकी है जहां संजलि की मौसी बनकर दिल्ली से संजलि के शव के साथ आगरा पहुंचीं थी। आगरा में उन्होंने शव का अंतिम संस्कार करने से रोकने की कोशिश की थी। मगर, ग्रामीणों के आगे आ जाने के कारण उनकी नहीं चल सकी थी। बाद में पुलिस की जांच में फर्जी मौसी का मामला खुला था। तब तक वह यहां से चली गई थी।
आपको बता दें कि आगरा के मलपुरा के लालऊ निवासी 15 वर्षीय संजलि 18 दिसंबर 2018 को स्कूल से साइकिल लेकर घर जा रही थी। तभी रास्ते में उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आरोपितों ने आग लगा दी थी। संजलि अनुसूचित जाति से थी। इसलिए इसको मुद्दा बनाने की कोशिश की थी। सफदरजंग में उपचार के दौरान संजलि की मौत होने के बाद एक महिला और उसके साथ कुछ युवक लालऊ गांव में पहुंचे थे। गांव में शव पहुंचने के बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया था। महिला खुद को संजलि की मौसी बताकर विरोध कर रही थी। वह कह रही थी कि अगर संजलि सामान्य जाति की होती तो मुख्यमंत्री वहां आ जाते। वह शव को न उठने देने का एलान कर रही थी। उसके साथ आए युवक भी शव के चारों ओर खड़े हो गए थे। तब न तो संजलि के स्वजन कुछ समझ पा रहे थे और न ही पुलिस। बाद में उनके तेवर देखकर ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ दिया। तब जाकर शव का पोस्टमार्टम हुआ था।
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