चंडीगढ़ -हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा के लिए अध्यापक स्थानांतरण नीति-2016, जो 2017 में संशोधित की गई थी, में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। विद्यार्थियों के शैक्षणिक हित की रक्षा के लिए न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से अध्यापकों/स्कूल प्रमुखों की समान रूप से, मांग आधारित तैनाती सुनिश्चित करने के लिए अध्यापक स्थानांतरण नीति-2016 में संशोधन का प्रस्ताव है।
संशोधन के अनुसार ‘अध्यापक’, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, का अर्थ है इस नीति के उद्देश्य के लिए नियमित क्षमता में कार्य करने वाले अध्यापक या तदर्थ शिक्षक। ट्रांसफर ड्राइव के बाद, ‘नवविवाहित’ या ‘हाल ही में तलाकशुदा’ महिला कर्मचारियों को अनुरोध पर रिक्ति के खिलाफ पोस्टिंग का पसंदीदा स्थान दिया जाएगा। हालाँकि, उन्हें अगले स्थानांतरण अभियान में भाग लेना होगा और उन्हें उस समय उपलब्ध रिक्त पदों के विरुद्ध उनके तीन विकल्पों में से किसी एक में समायोजित किया जाएगा।
संशोधन के अनुसार इस मद के उप-कारक के शीर्षक वाले कॉलम को 40 वर्ष से अधिक आयु की विधवा/तलाकशुदा/पृथक/अविवाहित महिला अध्यापक/ राज्य के बाहर काम करने वाले सेवारत सैन्य कार्मिक/अर्धसैनिक बलों के कार्मिक पति या पत्नी से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस मद के स्पष्टीकरण के शीर्षक वाले कॉलम को प्रतिस्थापित किया जाएगा क्योंकि इस श्रेणी के सभी पुरुषों/महिलाओं को केवल 10 अंक दिए जाएंगे। कैंसर मरीजों और कमजोर करने वाले अघातक रोगों के लिए एम्स (हरियाणा में इसकी शाखाओं समेत), पीजीआई रोहतक, पीजीआई खानपुर कलां, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल, पीजीआई चंडीगढ़ या विधिवत रूप से गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा अर्हता तिथि को जारी प्रमाण पत्र ही वैध होगा।
आम तौर पर एक कर्मचारी का 35 वर्ष का सेवाकाल होता है, इसलिए एक अध्यापक को अपने सेवा करियर के दौरान अधिकतम 5 वर्षों के लिए एक जोन में सेवा करनी होती है। ज़ोन-1, ज़ोन-2, ज़ोन-3 और ज़ोन-4 के मामले में, यदि किसी अध्यापक ने पांच साल का स्टे पूरा कर लिया है, तो ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव या ऑफ़लाइन/अस्थायी आवंटन में ऐसा ज़ोन उसे स्टेशन चुनने के लिए उपलब्ध नहीं होगा। यदि जोन-5, जोन-6 या जोन-7 में स्थित किसी स्कूल में कार्यरत कोई अध्यापक इनमें से किसी जोन में स्टे का विकल्प देता है तो उसे इनमें से किसी एक जोन का स्कूल आवंटित किया जाएगा और उसे ऐसे स्कूल में अगले पांच वर्षों तक रहने की अनुमति दी जाएगी जब तक कि वह नीति के अन्य प्रावधानों अर्थात पदों के रेशनलाइजेशन, पदों के अवरुद्ध होने या अपनी पसंद पर ऑनलाइन स्थानांतरण अभियान में अनिवार्य रूप से भाग नहीं लेता।
मेवात काडर (आरओएच काडर) को छोडक़र शेष हरियाणा के अध्यापक मेवात जिले में भी अपनी पोस्टिंग चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। हालांकि, आरओएच काडर से संबंधित अध्यापक, जिसने अपना विकल्प नहीं दिया है, को मेवात में एक स्टेशन आवंटित नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद, अध्यापक का काडर नहीं बदला जाएगा। इस प्रयोजन के लिए, ऑनलाइन ड्राइव के पहले दौर के दौरान ‘राज्य में कहीं भी’ की श्रेणी में आने वाले अध्यापकों को मेवात काडर के साथ-साथ आरओएच की बकाया रिक्तियों से भी चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। यदि कोई भी अध्यापक मेवात काडर में नियुक्ति का विकल्प चुननता है, तो उस पर ऐसी पोस्टिंग के लिए विचार किया जाएगा।
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