Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

Minister of State for Home Affairs Nityanand Rai
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली - केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।  उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा करके पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर मजबूत कानून बनाने की बात कही।उन्होंने वर्किंग जर्नलिस्ट आफ इंडिया के प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिया कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकारों को पत्र लिखेंगे। 
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह भरोसा बुधवार देर शाम अपने दफ्तर में वर्किंग जॉर्नलिस्ट ऑफ इंडिया संबंधित भारतीय मजदूर संघ के उच्च प्रतिनिधि मंडल को दिया। यह जानकारी वर्किंग जर्नलिस्ट आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी और महासचिव नरेंद्र भंडारी ने दी।उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार के गृह राज मंत्री नित्यानंद राय को ज्ञापन दिया। इस प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी, माह सचिव नरेंद्र भंडारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय उपाध्याय और उपााध्यक्ष विजय तोगा शामिल थे। ज्ञापन का मुख्य विषय देश मे " पत्रकार सुरक्षा कानून " लागू करवाने, मीडिया को संविधान में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ घोषित करवाने व मीडियाकर्मियों को भी कोरोना योद्धा घोषित करने की मांगें प्रमुख थीं।   

वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया संबंध भारतीय मजदूर संघ, देश के पत्रकारों का शीर्ष संगठन है। हाल ही में देश में पत्रकारों की हत्याएं एवम अन्य अपराधिक घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। बलिया में रतन सिंह हत्याकांड, गाजियाबाद में विक्रम जोशी हत्याकांड, मध्यप्रदेश में सुनील तिवारी हत्याकांड, उत्तरप्रदेश में शुभम मणि त्रिपाठी हत्याकांड, दंतेवाड़ा में अचुत्यानंद साहू हत्याकांड, कश्मीर में शुजात बुखारी हत्याकांड इत्यादि कई घटनाएं हाल के दिनों में घटित हुईं है। इस तरह की घटनाओं को लेकर यूनियन ने देशभर के पत्रकारों के बीच एक ऑनलाइन सर्वे भी करवाया। पत्रकारों ने इस सर्वे में भाग लिया और खुलकर अपनी राय जाहिर की है। सर्वे में ज्यादातर पत्रकारों की राय रही कि केंद्र सरकार देश मे पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे व संविधान में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा खंभा घोषित करे । जहाँ तक देश मे मीडियाकर्मियों की असुरक्षा का सवाल है, तो उसपर सर्वे में पत्रकार बंटे दिखाई दिए । पत्रकारों का ये कहना है कि कई हत्याए, सिर्फ खबरों के प्रकाशन के लिये ही नही हुई है।  विश्व के कई संगठन, पत्रकारों की स्तिथि व हालातो पर सर्वे करके रिपोर्ट जाहिर करते रहते है।  विश्व के एक संगठन सीपीजे की सूची में भारत 11 बार आ चुका है। 2017 में भारत 12 वे स्थान पर था। 2016 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने पत्रकारों के लिये, सबसे खतरनाक देशो में भारत को आठवें नंबर पर रखा है। यूनियन का मानना है कि देश मे कलम की आज़ादी होनी चाहिये। यदि कोई भी उस आज़ादी पर हमला करता है, तो सरकार को उसके खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिये ।                               

हमारे देश मे सबसे पहले एक राज्य महाराष्ट्र ने वर्ष 2017 में, " पत्रकार एवं पत्रकारिता संस्थान अधिनियम 2017" पारित किया। इस तरह से इस राज्य, ने सबसे पहले पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बिल पारित किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश राज्य ने भी पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बिल पारित करने का फैसला विचाराधीन है। यूनियन का ये मानना है कि इस मामले में केंद्र सरकार को कोई अहम फैसला लेकर संसद में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बिल पारित करना चाहिये और पत्रकारों को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए।   
कोरोना काल मे उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश में पत्रकारों के खिलाफ कई फर्जी मुकदमे दायर किये गए है। अगर कोई पत्रकार, राज्य सरकार की किसी भी कमी को खबर के जरिये उजागर करता है, तो उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए जाते है ।             

  यूनियन ने यह भी मांग  कि की मीडिया को संविधान में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का दर्जा दिया जाए। देश मे लोकतंत्र को मजबूत रखना है, तो सबसे पहले मीडिया को मजबूत करना होगा।                      
 सारे देश मे कोरोना वायरस की महामारी फैली हुई है। इस महामारी से रोजाना करीब एक हज़ार, नागरिको की मृत्यु हो रही है। लेकिन इस महामारी व संभावित मृत्यु से बेख़ौफ़, हमारे मीडियाकर्मी साथी दिनरात अपने कार्यो व जिम्मेदारियों को अंजाम दे रहे है। मीडियाकर्मी, जहाँ सरकारी कमियों को उजागर कर रहे है, वही सरकारी योजनाओं को भी आम लोगो तक पहुंचा रहे है। इन सब कार्यो को अंजाम देते हुए, हमारे दर्जनों साथी कोरोना वायरस का शिकार होकर शहीद हो गए है। हमलोग लगातार सरकार से मांग कर रहे है कि मीडियाकर्मियों को भी "  कोरोना योद्धा " घोषित किया जाए, ताकि यदि कोई भी मीडियाकर्मी , इस महामारी का शिकार होकर, शहीद होता है, तो उसके परिवार के सदस्यों को वे सभी सुविधाएं मिल सके, जो अन्य कोरोना योद्धाओं के परिवार वालो को मिल रही है । 



फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India News

Post A Comment:

0 comments: