नई दिल्ली - हाथरस गैंगरेप में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे है। पीड़िता की मौत के बाद उसके भाई ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि जब दीदी बेहोश थीं तो उस समय पुलिस ने एम्बुलेंस नहीं मंगाई और पुलिस ने कहा कि ये बेहोश होने का नाटक कर रही है। भाई ने पुलिस पर कई आरोप लगाए और कहा कि आरोपी ऊंची जाति के हैं और हम दलित हैं इसलिए हमारी बहन के साथ पुलिस ने अच्छा सलूक नहीं किया और पुलिस आरोपियों को बचाने में जुटी रही।
पीड़िता के भाई ने कहा कि FIR के लिए हमें 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ा था। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी। धरना-प्रदर्शन के बाद आगे की कार्रवाई हुई और आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया। इस मामले में पुलिस भी अपना बचाव करने में जुटी है। वहीं सोशल मीडिया पर चारों दरिंदों की तस्वीर वायरल हो गई है। पीड़िता के परिजन दरिंदों को फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे हैं।
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