फरीदाबाद- फरीदाबाद और गुरुग्राम को कुछ अधिकारी सोने की अंडा देंगे वाली मुर्गी समझते हैं और सामने आ रहे घोटालों को देख ऐसा लगता भी है। कहा जाता है कि तमाम अधिकारी यहाँ से बोरियों में भरकर नोटें ले जाते हैं। तमाम अधिकारियों ने अरावली पर बड़े-बड़े फ़ार्म हाउस बना लिए हैं। हाल में नगर निगम में करोड़ों का घोटाला सामने आया था। बल्लबगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ चुके वर्तमान में जजपा नेता एवं वार्ड 37 से पार्षद दीपक चौधरी ने लेखा शाखा से वर्ष 2017 से 2019 तक के भुगतान की जानकारी मांगी थी। उसका अध्ययन किया गया तो बड़ा घोटाला सामने आया। इसकी शिकायत उन्होंने निगमायुक्त डॉ. यश गर्ग से की थी। उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया। कमेटी ने लेखा शाखा से वर्ष 2017 से 2019 तक का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा था, मगर एक माह बाद भी नहीं दिया गया। 16 अगस्त को अचानक लेखा शाखा के रिकॉर्ड रूम में आग लग गई।
उनके मुताबिक, जांच में पता चला कि आग जान-बूझकर लगाई गई है। नगर निगम के अतिरिक्त उपायुक्त की शिकायत पर एसजीएम नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की बात कही गई लेकिन हरियाणा में तमाम घोटाले हुए लेकिन जांच के नाम पर शायद खाना पूर्ति ही की जाती है। हरियाणा के मुख्य्मंत्री मनोहर लाल पर भी सवाल उठ रहे हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आभाष चंदीला ने आज एक ट्वीट कर लिखा है कि फ़रीदाबाद नरकनिगम मनोहर लाल सरकार के गवर्नन्स का एक नमूना है। उनका पूरा ट्वीट इस तरह से है। खबर जारी है।
@Mcf_Faridabad के इंटर्नल ऑडिट में ही क़रीब 150 करोड़ के घोटाले का अनुमान था,अगर कोई निष्पक्ष सीएजी जैसी संस्था ऑडिट करे तो कम से कम 1500 करोड़ तक जा सकता है।फ़रीदाबाद नरकनिगम @mlkhattar सरकार के गवर्नन्स का एक नमूना है।अफ़सर या नेता जो भी इसमें शामिल हैं,सख़्त सजा मिलनी चाहिए। pic.twitter.com/FwYKGcjmV0
— Abhash Raj Chandela (@AbhashChandela) September 25, 2020
आपको बता दें कि फरीदाबाद नगर निगम क्षेत्र में हाल में 26 गांव शामिल किये गए थे और ग्रामीण लगातार कह रहे हैं घोटालेबाज नगर निगम में उन्हें नहीं शामिल होना वरना नगर निगम के कुछ भ्रष्ट उनकी जमीनें बेंच खाएंगे। इन घोटालों पर सत्ताधारी कुछ नहीं बोल रहे हैं। ऐसा लगता है कि फरीदाबाद में कोई सत्ताधारी नेता ही नहीं है। फरीदाबाद की जनता के टैक्स की कमाई भ्रष्ट डकार रहे हैं। शहर में विकास की रफ़्तार थम गई है। नगर निगम पर सवाल उठाये जा रहे हैं।
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