कुरुक्षेत्र। राकेश शर्मा- वीरवार को पिपली की नई अनाजमंडी में प्रस्तावित किसान महारैली में भाग लेने के लिए जहां प्रदेशभर के किसानों को रोकने केे लिए पुख्ता इंतजाम किये हुए थे वही किसान भी इस रैली में पहुंचने के लिए । जिंसके कारण सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्रों से किसान आना शुरू हो गये वैसे तो जिला प्रशासन की ओर से इस रैली को लेकर धारा 144 लगाई गई थी लेकिन किसान संगठन के आगे सरकार और प्रशासन की एक ना चली।
इस दौरान कई बार लाठीचार्ज हुआ तो कई बार झुटपुट घटनाओं का सिलसिला भी चलता रहा। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे किसान पिपली में पहुचंने केे लिए अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा कर ही पैदल चल दिये। पैदल चल रहे किसान जैसे ही पिपली में पहुंचे तो प्रशासन की चिंता बढ़ने लगी काफी संख्या में पहुंचे किसानों को देखकर प्रशासन की चिंता बढ़ने लगी। पुलिस की ओर लाठीचार्ज की गई जिस दौरान कई किसान भी चाटिल हो गये। जिसके बाद किसानों ने नैशनल हाईवे की ओर अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिये ओर हाईवे को जाम कर दिये जिसके कारण लंबा जाम लग गया।
1 बजे मिली रैली करने की इजाजत
जिला प्रशासन और किसानों के बीच वैसे तो कई बार बातचीत का दौर चलता रहा लेकिन दोपहर एक बजे किसानों को रैली करने की अनुममि प्रदान की गई जिसके बाद किसान खुश दिखाई दिये और उसके बाद जाम खोला गया।
जगह जगह लगा लंगर
सड़कों पर जहां किसान और वाहनों की लंबी लंबी कतारें देखी गई वही कई जगहों पर लंगर की सेवा भी सुचारू रूप से चलती रही और किसानों के साथ साथ आमजन भी अपनी भूख को शांत करते हुए दिखाई दिए।
किसानों के इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा, लाडवा विधायक मेवा सिंह , युवा कांग्रेस नेता हरप्रीत चीमाभी पहुंचे। मौके पर उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़, पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी, एडीसी वीना हुड्डा, एसडीएम अखिल पिलानी भी मौके पर दिशा-निर्देश देते रहे। चारों ओर से उमड़े किसानों के हजारों के जनसमूह और रैली में शामिल होने की जिद्द के आखिरकार प्रशासन ने उन्हें पिपली की नई अनाजमंडी में रैली स्थल में शामिल होने की अनुमति दे ही दी। अनुमति मिलने के चंद मिनटों में ही अनाजमंडी के रैली स्थल पर लगभग 3 हजार से अधिक किसान इक_ा हो गए।
भारतीय किसान युनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पिपली रैली में पहुंच कर पत्रकारवार्ता करते हुए कहा कि पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्वक है। वे किसानों के हितों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और आगे भी किसान एकजुट होकर अपने हितों की लड़ाई इसी प्रकार जारी रखेंगे। करीब 5 घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आरंभ हुई किसान रैली के बाद किसानों, नेताओं और आमजन में इस बात की खासी चर्चा रही की आखिरकार किसानों को रैली करने की अनुमति देनी ही थी तो इतना हाई वोल्टेज ड्रामा करने की क्या जरुरत थी।
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