नई दिल्ली- किसान अध्यादेश के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने स्तीफा दे दिया और उन्होंने कहा कि ये विधेयक अनुसार किसान विरोधी हैं। अब हरियाणा की जजपा धर्म संकट में फंस गई है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आज सीएम मनोहर लाल से मिलने जा रहा है। किसानों के मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। दिग्विजय चौटाला पहले ही किसानों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा कर चुके हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा है कि दुष्यंत जी, हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते। पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ?
कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे। जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।
दुष्यंत जी,हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते।पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ?कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे।जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 17, 2020
उधर हरियाणा कांग्रेस प्रवक्ता वेद प्रकाश विद्रोही ने कहा है कि अपने को चौधरी देवीलाल का पोता बताकर सत्ता की चासनी चाटने वाले हरियाणा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को बताना होगा कि वे चौधरी देवीलाल के विचारों पर राजनीति करना चाहते हैं या चौधरी देवीलाल का नाम भुनाकर सत्ता की चासनी चाटना चाहते हैं1 विद्रोही ने कहा कि दुष्यंत चौटाला चौधरी देवीलाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला के बेटे होने के नाते चौधरी देवीलाल की परिवारिक संपत्ति का तो वारिस हो सकते हैं, लेकिन उनके राजनीतिक वारिस नहीं हो सकते1 चौधरी देवीलाल जीवन भर किसान, गांव की राजनीति करते रहे और उन्होंने जो भी राजनीति में मुकाम पाया था वह भी एक किसान नेता के रूप में ही पाया था।
Post A Comment:
0 comments: