दिल्ली- हाथरस गैंगरेप पीड़िता की कल दिल्ली अस्पताल में मौत हुई जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार पर सवाल उठ रहे हैं। अब पीड़िता के पिता का कहना है कि मुझे कमरे में बंद कर दिया गया था, पता नहीं किसका शव जलाया गया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी हाथ जोड़कर पुलिसवालों से कह रही थी कि सुबह अंतिम संस्कार किया जाए लेकिन पुलिस ने किसी की नहीं मानी।
पिता का कहना है कि वो शमशान तक भी नहीं पहुंचे पता नहीं किसकी डेड बॉडी जलाई गई है। ऐसा कुछ पीड़िता के चाचा का भी कहना है। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा देखा जा रहा है पढ़ें कौन क्या लिख रहा है।
एक पिता को अपनी बेटी ,जिसके साथ जुल्म की इंतहा हुई हो,को अंतिम यात्रा और अंतिम दर्शन तक कि अनुमति नहीं देना बर्बरता है। पुलिसिया बदतमीजी और ताकत के अहं की अति है। वक़्त हर जुल्म का हिसाब लेता है— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) September 30, 2020
हाथरस में हो रहे घटना क्रम पर दलित समाज के राष्ट्रपति चुप हैं, बेटी बचाओ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री चुप हैं। सनातन धर्म की दुहाई देने वाले मोहन भागवत चुप हैं।ये न्यू इंडिया है यहाँ कंगना ‘देश की बेटी’ है और उसे सबका समर्थन है।दूसरी तरफ कल रात की तस्वीरें कुछ ऐसी थी। pic.twitter.com/Y6naTxePjz
— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 30, 2020
शर्म करो UP पुलिस, पहले तो एक बेटी की चीख दबाते रहे, सबको गुमराह करते रहे जब वो मर गई तो रातों - रात तथ्य दबाने के लिए उसके शरीर को भी जला दिया, मां रोती रही बेटी के लिए तड़पती रही मगर आपकी इंसानियत मर चुकी थी।थूकती हूँ मैं ऐसे सिस्टम पर जो बेटियों को जूती के निचे रखता है। pic.twitter.com/wnLtnPCUoj— Pragya Mishra (@PragyaLive) September 30, 2020
Post A Comment:
0 comments: