नई दिल्ली- हाथरस गैंगरेप की शिकार युवती की मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस पर बड़े सवाल उठाये जा रहे हैं क्यू कि कई दिनों तक पुलिस इसे फेक न्यूज़ बता रही थी। अब मौत के बाद हाथरस के ASP का कहना है कि चारों अभियुक्तों की पहले गिरफ्तारी की जा चुकी है, 376 डी सेक्शन के आधार पर शासन द्वारा निर्धारित धनराशि की पहली किश्त 4,12,500 रुपये पीड़िता के परिवारवालों के खाते में ट्रांसफर कर दिए हैं। पीड़िता का पोस्टमार्टम दिल्ली में कराया जा रहा है।
पैसा से खरीदना चाहता है देश की बेटी को।अगर तुम्हारा बेटी के होता तोः— Kumar Abhishek (@KumarAb68025643) September 29, 2020
आपको फिर बता दें कि युवती दलित परिवार से थी और 14 सितम्बर को अपनी माँ के साथ खेतों में पशुओं के लिए घास काटने गई थी। उसकी माँ उससे 100 मीटर दूर थीं तभी चार दरिंदे आये जो गांव के ही थे और ऊंची जाति से ताल्लुक रखते थे। वो युवती को खींच ले गए। युवती चिल्ला न सके इसलिए उसके मुँह में कपडा ठूंस दिए और बारी-बारी से उसका बलात्कार किया था। उसकी रीढ़ की हड्डी तो उसकी जीभ काट दरिंदे वहाँ से चले गए। काफी देर बाद जब माँ को बेटी नहीं दिखी तो माँ ने बेटी को खोजना शुरू किया और 100 दूर बेटी लहूलुहान दिखी जिसे गोद में उठा सड़क पर पहुंचीं और ऑटो में बिठा अस्पताल ले गयी। वहाँ से दिल्ली भेज दिया गया जहाँ आज युवती ने दम तोड़ दिया। ऐसे अपराध और पुलिस फेक न्यूज़ बताये और छेड़छाड़ का मामला दर्ज करे तो पुलिस पर सवाल तो उठेंगे ही।
मैं @myogiadityanath जी से पूछना चाहती हूँ। अगर आपका प्रशासन हाथरस में हुए दलित बेटी के रेप को सिर्फ एक ‘खबर’ मान उसे ‘मैनेज’ करने की जगह उसके इलाज पर ध्यान दे देता तो क्या वो आज हमारे बीच नहीं होती? क्यूँ उसे समय पर AIIMS नहीं भेजा गया? क्यूँ इस खबर को ‘फेक न्यूज’ बताया गया?— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 29, 2020
Post A Comment:
0 comments: