फरीदाबाद, 17 सितंबर : प्रदेश की हरियाणा सरकार 21 सितम्बर से स्कूल खोलने का निर्णय का पुरजोर विरोध करते हुए युवा कांग्रेस नेता गौरव चौधरी ने कहा कि एक तरफ देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं, प्रदेश की भाजपा सरकार 21 सितम्बर से 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू करने जा रही है। ऐसे मेंं यह बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है और हम इसका पूरी तरह से विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए वर्ष 2020-21 में बच्चों को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण कर देना चाहिए। गौरव चौधरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं कह रहे हैं कि जब तक कोरोना की कोई दवाई व वैक्सिन नहीं बन जाती है तब तक ढीलाई नहीं बरतनी चाहिए, इसके बावजूद भी हरियाणा में स्कूल खोलने का निर्णय पूरी तरह से बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करना है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों में दी गई एक शर्त के मुताबिक विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए अपने पेरेंट्स से लिखित में परमिशन लानी होगी, यह शर्त इसलिए लगाई गई है, ताकि स्कूलों का बचाव हो सके और अगर कोई अनहोनी हो तो उसके जिम्मेदारी अभिभावक स्वयं हों। युवा नेता ने कहा कि सरकार का यह कदम जल्दबाजी भरा है, हरियाणा और फरीदाबाद में पहले से ज्यादा कोराना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, ऐसे हालात में स्कूल खोलना विद्यार्थियों और उनके माता-पिता के जीवन से खिलवाड़ करना है। बच्चे चंचल मन के होते हैं, ज्यादा देर तक मास्क लगाकर नहीं बैठ सकते और पूरी तरह सावधानी बरतने में कोताही बरतना स्वभाविक है। इसलिए इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए सरकार को जल्दबाजी में कोई कदम उठाने से पहले बच्चों की जिंदगी के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। गौरव चौधरी ने कहा कि ऐसी भयावह स्थिति में जहां गुजरात सहित देश के अन्य राज्यों ने कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्कूल खोलने से मना कर दिया है, वहीं हरियाणा सरकार स्कूल संचालकों के दबाव में 21 सितंबर से स्कूल खोलने जा रही हैं, जो सरासर गलत है।
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