नई दिल्ली- देश में कोविड-19 के मामले 57 लाख के पार हो गए हैं, वहीं 46 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त भी हो गए हैं। अधिकतर लोगों ने निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवाया। साधारण परिवार से जुड़े लोग या गरीब अगर कोरोना संक्रमित हो रहे हैं तो उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट रहा है। ऐसा क्यू हो रहा है। ये इस दो ट्वीट को पढ़कर समझ सकते हैं।
ईश्वर करे इस वक्त आपके परिजनों का स्वास्थ्य गड़बड़ ना हो। ये वो वक्त है जब ‘मंत्रियों का फोन’ भी अस्पताल में बेड नहीं दिलवा पा रहा है। सामान्य आदमी पर दोहरी मार है, निजी अस्पताल में इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकता और सरकारी अस्पताल में बेड मिलेगा नहीं। महादेव सबकी रक्षा करना। 🙏— Vedank Singh (@VedankSingh) September 24, 2020
आँकड़ों की राजनीति में सच्चाई पर गुलाबी चादर डाल दी गयी है। दूर से सब कुछ अच्छा अच्छा दिखता है, स्वार्थी व्यक्ति शिकायत तब तक नहीं करता जब तक स्वयं उसके परिवार पर ना बीते। कोविड ही नहीं नॉन-कोविड मरीज भी परेशान है, और गरीब के पास मौत का इंतजार करने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं है।— Vedank Singh (@VedankSingh) September 24, 2020
Post A Comment:
0 comments: