कुरुक्षेत्र राकेश शर्मा- भाजपा सरकार में लाए गए तीन कृषि आध्यदेश किसानों को रास नही आ रहे है जिस कारण देश और प्रदेश में हर रोज कही ना कही धरने प्रदर्शनों का दौर जारी है। शुक्रवार को भी किसानों ने तीन आध्यदेश के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और केन्द्र सरकार से ये आध्यदेश वापिस लेने के लिए भारत बंद कर दिया गया। किसानों के साथ अन्य राजनीतिक दल भी किसानों के रोष प्रदर्शनों में शामिल होकर भाजपा सरकार के खिलाफ जम कर अपना रोष व्यक्त किया। 25 सितम्बर को भारत बंद का असर कुरुक्षेत्र में भी देखा गया। भारतीय किसान यूनियन के बैनर नीचे सभी किसानों ने भारी संख्या में सुनिश्चित स्थानों पर सड़को पर बैठ कर धरना दिया। जोकि सुबह के समय ही किसान भारी संख्या में एकत्रित होने लगे और भाजपा सरकार के इन अध्यदेशो को किसान विरोधी बताकर मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। जिंसके कारण गांव से लकेर शहर में भी बाजार बंद दिखाई दिए और सड़के सुनसान पड़ी रही। किसानों के साथ अन्य वर्गों ने भी भाजपा सरकार के खिलाफ जम कर भड़ास निकाली। किसानों का आक्रोश सातवें आसमान पर था और हर जगह भाजपा मुर्दाबाद के नारे सुनाई दिए। जिस कारण कही देश के प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया तो कही हरियाणा के मुख्यमंत्री का।
बाजार बंद की अपील करते दिखाई दिये किसान:-
जिला कुरुक्षेत्र के बाबैन, शाहाबाद, पेहवा, लाडवा के कई शहरों में किसान सुबह के समय दुकानदारों से बाजार को बंद करने की अपील करते हुए दिखाई दिए। जिस कारण दुकानों ने अपनी दुकानों को बंद कर ताले लगा दिये और दुकानों के बाहर ही बैठ कर चर्चाएं करते हुए दिखाई दिया। लेकिन जैसे जैसे दिन चढ़ता गया वैसे वैसे बाजार बन्द और सड़के सुनसान दिखाई देने लगी।
भाजपा की ट्रैक्टर रैली का नही हुआ कोई असर :-
भारत बंद से एक दिन पहले भाजपा सरकार के मंत्री धरातल पर उतर कर ट्रैक्टर रैली लेकर जिला उपायुक्त आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए भी दिखाई दिए और बताया कि यह तीन कृषि अध्यादेश किसानों के हित में है जिससे किसानों की आय दुगनी होने के साथ-साथ उनको बिचौलियों से आजादी भी मिलेगी लेकिन इसका भी कुछ असर दिखाई नहीं दिया और शुक्रवार को भारत बंद करने के लिए प्रदेश के कोने-कोने में किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
हर जगह भारी पुलिस बल रहा तैनात--
जिला पुलिस प्रशाशन भी कोई अप्रिया घटना से निपटने के लिए तैयार था लेकिन शांत भी दिखाई दिया। और सुबह के समय ही धरना स्थल पर जाने वाले रास्ते पर बेरिकेट लगा दी थी ताकि किसान अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग कर सके । पुलिस के द्वारा वाहन चालकों को अन्य रास्ते पर जाने की सलाह दी गई।
गांव के रास्ते में भटकते दिखे वाहन
सड़क जाम होने के कारण दिल्ली या फिर पंजाब जाने वाले वाहनों की लंबी लंबी कतारें गांव के रास्ते भटकते हुए दिखाई दिये। एक दूसरे के पीछे अपने वाहन को चलाकर ही अपनी मंजिल तक पहुचने के लिए ग्रामीणो से रास्ता पूछते हुए भी दिखाई दिए।
भारतीय किसान यूनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढूनी की अपील का हुआ असर---
भारतीय किसान यूनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने वीडियो जारी कर रहा था कि किसानो को केवल सड़क पर बैठ कर शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन करना है किसी को भी कोई भी कोई परेशानी ना हो ऐसी व्यवस्था करनी है जिसका असर भी देखने को मिला। खुद गुरनाम सिंह चढूनी कई जिलों में जाकर किसानों से बातचीत करते हुए दिखाई दिए और सरकार के खिलाफ जमकर बोलते हुए दिखाई दिए। समाचार लिखे जाने तक कुरुक्षेत्र या उसके आसपास कोई भी अप्रिया घटना नही घटित हुई ।
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