फरीदाबाद- पूरे देश में जहां सड़कों का जाल बिछ रहा है। छोटे- मोटे नहीं दुनिया के सबसे लम्बे एक्सप्रेस वे उन राज्यों में बन रहे हैं जो राज्य सबसे पिछड़े राज्यों में शुमार थे। एक समय पूरे देश में हरियाणा का नाम इज्जत से लिया जाता था क्यू कि प्रदेश के तमाम वीरों ने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी तो तमाम खिलाडियों ने ओलंपिक जैसे अन्य विश्व स्तर के खेलों में तमाम पदक झटके। वर्तमान में हरियाणा का नाम तमाम घोटालों, प्रदूषण के कारण बदनाम हो रहा है। नेताओं के दावे कागजी साबित हो रहे हैं।
हरियाणा का एक प्रमुख जिला फरीदाबाद अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ये जिला दुनिया का सबसे प्रदूषित जिले का तमगा कई बार पा चुका है। इस जिले को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने का फैसला लगभग चार साल पहले लिया गया था। अरबों रूपये भी आये लेकिन कहाँ चले गए कोई पता नहीं। मथुरा रोड और कुछ बड़े नेताओं के घरों के आस-पास की सड़कों को छोड़ दें तो पूरे जिले की सड़कों का बुरा हाल है। जो सड़कें दो साल पहले करोड़ों की लागत से बनीं थीं वो भी टूटने लगीं हैं।
शहर की तमाम प्रमुख सड़कें 10 मिनट की बारिश झेल नहीं पातीं। तालाब बन जातीं हैं। जहाँ जलभराव नहीं होता वहाँ मुख्य सड़कों पर धूल उड़ती रहती है। हरियाणा सरकार, प्रदेश की मुख्य सचिव सड़कों के गड्ढों को जल्द भरने का आदेश देती हैं लेकिन अधिकारी उनके आदेश को इस कान से सुनते हैं, उस कान से निकाल देते हैं। ऐसा लगता है कि हरियाणा में कोई सरकार नहीं है। अधिकारियों का राज है।
उद्योग नगरी फरीदाबाद का बहुत बुरा हाल होता जा रहा है। कोरोना काल में यहाँ से लाखों प्रवासी पलायन कर चुके हैं जो शायद ही जल्द लौटकर आएं। यहाँ के उद्योगपति दुखी हैं। कई उद्योग इस लिए ठप्प पड़े हैं क्यू कि कामगार नहीं मिल रहे हैं। कामगारों की बात करें तो यहाँ से पलायन करने के बाद उन्हें उन्ही के राज्यों में कोई न कोई काम मिल गया है। न जाने इस शहर को किसकी नजर लग गई। देश का ये ख़ास शहर अब अंधेर नगरी कहा जाने लगा है। गुरुग्राम को एक दशक में ? इसके पहले हरियाणा का फरीदाबाद ही था तो पूरे राज्य में टैक्स देने में अव्वल था। पूरे हरियाणा का पेट पालता था। गुरुग्राम को शायद अच्छे नेता मिल गए और वो फरीदाबाद से आगे बढ़ गया।
फ़िलहाल फरीदाबाद की जनता कई तरह की समस्याएं झेल रही है। नेता बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन उनके दावे कागजी हैं। 6 साल में तो उद्योगनगरी का और सत्यानाश हो गया।
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