फरीदाबाद- हरियाणा सरकार के पूर्व सहायक एडवोकेट जनरल विकास वर्मा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस में हुए जघन्य गैंग रेप पर विरोध जताया तथा आरोपियों के लिए फाँसी की सजा की मांग की। वर्मा ने कहा कि 14 सितंबर के दिन उत्तरप्रदेश के हाथरस में जो हुआ उसने पूरे देश को झकझोर के रख दिया। 19 वर्षीय मनीषा के साथ परिवार की आपसी रंजिश के चलते हुए 4-5 लोगों ने गैंग रेप किया तथा उसके बाद उसके पूरे शरीर पर चोट मारी जिसके कारण पीड़िता की गर्दन, रीढ़ की हड्डी टूट गई और तो और दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए उसकी जीभ भी काट दी ताकि वो कुछ बोल ना सकें।
इसके बाद 15 दिनों तक उसका उपचार भी चला लेकिन उसे बचाया नही जा सका और कल बीते मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया। इस जघन्य कृत्य के बाद उत्तरप्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठा हैं क्योंकि उत्तरप्रदेश पुलिस ने अपराधियों पर कार्यवाही करने की जगह उन 105 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करदी जिन्होंने इस घिनोने कृत्य के खिलाफ आवाज उठाई थीं। उत्तरप्रदेश के आला अधिकारी पिछले 15 दिनों तक इस घिनोने कृत्य को फर्जी बताने में लगे रहे तथा उन्हीं लोगों पर कार्यवाही करते रहे जो मनीषा के पक्ष में आवाज उठा रहे थें। योगी आदित्यनाथ की उत्तरप्रदेश पुलिस ने तानाशाही की सारी हदें तो जब पार करदी जब परिजनों को मनीषा का शव भी नही सौंपा गया और देर रात खुद पुलिस ने मनीषा के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। वर्मा ने कहा कि आये दिन कोई ना कोई मनीषा दरिंदो की हवस का शिकार होती रहती हैं लेकिन वो दरिंदे राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद बच निकलते हैं। आज हमारे देश में ऐसे कानून की जरूरत हैं जोकि हमारी बहन-बेटियों को सुरक्षा प्रदान कर सकें और रेप आरोपियों के लिए ऐसी सजा का प्रावधान हो कि जो इस तरह के अपराध करने से डरे ।
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