चण्डीगढ़, 27 अगस्त- हरियाणा सरकार ने राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम एवं नियंत्रण के साथ-साथ इनकी आपूर्ति, विनिर्माण, परिवहन, वितरण और भंडारण में संलिप्त लोगों का पता लगाने और उनके विरुद्घ कानूनी कार्रवाई के लिए हरियाणा राज्य मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो गठित किया है ।
गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस महानिदेशक के पूर्ण नियंत्रण के तहत ब्यूरो का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या पुलिस महानिरीक्षक के पद के अधिकारी द्वारा किया जाएगा। ब्यूरो का मुख्यालय हरियाणा पुलिस परिसर, मधुबन करनाल में होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इस दिशा में ब्यूरो द्वारा किए जाने वाले व्यापक कार्यों में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कानून लागू करने के लिए रणनीतियां एवं उपाय विकसित करना, नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकना और इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना शामिल है। इसके अलावा, ब्यूरो के कार्यांे में जिला पुलिस, जीआरपी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और राज्य आपराधिक शाखा (एससीबी) जैसी अन्य पुलिस इकाइयों के समन्वय में कार्य करना और नशीली दवाओं एवं मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त असामाजिक तत्वों पर कानून के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार तकनीकी एवं मानव खुफिया जानकारी एकत्रित करना और उन पर निगरानी रखना तथा विशेष टीमों के माध्यम से और हरियाणा पुलिस एवं अन्य सरकारी विभागों की इकाइयों के सहयोग से ड्रग-तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाना भी शामिल है।
इसके अतिरिक्त, ब्यूरो डाटा विश्लेषण करेगा, कार्रवाई योग्य इंटेलिजेंस विकसित करेगा और ड्रग तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए नारकोटिक ड्रग्स एवं साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट 1985 (एनडीपीएस) और सभी संबंधित आपराधिक एवं सिविल कानूनों को लागू करने हेतु ऐसी इंटेलिजेंस के अनुसार कार्य करेगा। ब्यूरो इन कानूनों के तहत तस्करी को रोकने एवं इनके प्रभावी प्रवर्तन के लिए जिला पुलिस या अन्य पुलिस इकाइयों की कार्रवाई का मार्गदर्शन एवं समन्वय करने के साथ-साथ राष्टï्रीय आपराधिक शाखा (एनसीबी) एवं प्रवर्तन विभाग के साथ उपयुक्त संपर्क और समन्वय बनाए रखेगा।
उन्होंने बताया कि ब्यूरो छोटी स्थानीय तस्करी के बजाय मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की तस्करी के संचालन में शामिल गिरोह और फाइनेंसरों का पता लगाने और एनडीपीएस अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से इन द्वारा अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अतिरिक्त, ब्यूरो राज्य में ड्रग्स के खतरे को खत्म करने के लिए मादक पदार्थों के बड़े डीलरों एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स को पकडऩे पर भी बल देगा। हालांकि, नशेडिय़ों के लिए नशामुक्ति और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए कानून के अनुसार करुणा और सहानुभूति के साथ पेश आया जाएगा। ब्यूरो अपराध के आंकड़ों, एनडीपीएस अधिनियम के प्रवर्तन एवं नशीले पदार्थों के व्यापार में शामिल अपराधियों के आंकड़े तथा अन्य विवरणों का रख-रखाव भी करेगा। इस प्रयोजन के लिए जिलों और अन्य इकाइयों द्वारा राज्य अपराध शाखा को भेजी जा रही रिपोर्ट की सभी आवधिक / सांख्यिकीय प्रतियाँ ब्यूरो को प्रदान की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, ब्यूरो ऐसे अन्य दायित्वों को भी पूरा करेगा जिन्हें समय-समय पर पुलिस महानिदेशक द्वारा उसे सौंपा जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो स्थानीय पुलिस थानों में एनडीपीएस और अन्य संबंधित कानूनों के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करेगा। सभी पुलिस इकाइयाँ, जिले एवं जीआरपी जांच से जुड़े सभी पहलुओं में ब्यूरो की सहायता करेंगे। पुलिस महानिदेशक एनडीपीएस से संबंधित मामलों की जाँच ब्यूरो को हस्तांतरित कर सकता है।
उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा हरियाणा के पुलिस महानिदेशक के माध्यम से गृह सचिव या अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। पुलिस महानिदेशक(अपराध) द्वारा ब्यूरो के अधिकारियों के प्रदर्शन की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी और ब्यूरो के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सरकार आवश्यकतानुसार ब्यूरो की प्रगति, कार्रवाई एवं हस्तक्षेप की समीक्षा कर सकती है। इसके अतिरिक्त, ब्यूरो द्वारा हरियाणा के पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिदेशक(अपराध) या सरकार, जब भी ऐसा करना आवश्यक होगा, को रिपोर्ट, डेटा और विशलेषण प्रस्तुत किए जाएंगे।
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