नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के एक थाने के प्रभारी राकेश चौहान का वीडियो वाइरल हुआ और वीडियो वाइरल होने के बाद लोग उन्हें तो जमकर लपेट ही रहे हैं कुछ लोग तो पूरी खाकी को लपेट रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है। हर परिवार में अच्छे बुरे लोग होते हैं। पूरा परिवार गलत नहीं होता। खाकी देश के सवा सौ करोड़ लोगों की रक्षा करती है। कुछ मछलियां तालाब को गन्दा कर रहीं हैं जबकि देश में अच्छे और ईमानदार पुलिस अधिकारी भी हैं। राकेश जैसी मछली पूरे तालाब को गन्दा करती हैं।
बात करते हैं पुलिस की तो राकेश जैसे तमाम पुलिसवाले इस देश में हैं जिन्होंने वर्दी पहनते हुए खाई हुई कसम भूल चुके हैं और अपना घर भरने के लिए बेगुनाहों पर झूंठे मुक़दमे लाद कर उन्हें जेल भिजवा देते हैं। वाइरल वीडियो में भ्रष्ट थानेदार फरियादी से बोल रहा है कि मेरे पास हर मर्ज की दवा है। पुलिस की सेवा करो तो वो सब इलाज कर देगी। जैसा इलाज चाहोगे वैसा ही इलाज हो जाएगा। दरोगा से बात कर लो। अगर चाहो तो किसी की गर्दन काट कर दूसरी भी लगवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष के पास अवैध शराब, अफीम, तमंचे चरस सब कुछ है। इसका मतलब वो भ्रष्ट पैसे के लिए काम करता है और वीडियो देखने वाले कह रहे हैं कि इसने न जाने कितने बेगुनाहों को जेल भेजा होगा।
उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के कई अन्य राज्यों में भी राकेश जैसे भ्रष्ट हैं जो पैसे लेकर किसी निर्दोष को जेल भेज देते हैं। ऐसे हरामखोर बड़ी-बड़ी धाराएं लगा देते हैं। सब पैसे के लिए करते हैं। इन्हे पैसा प्यारा है। ऐसे हरामखोर जब किसी बेगुनाह को फेक आरोप पर जेल भेजते हैं तो बेगुनाह का परिवार बर्बाद हो जाता है। उसकी इज्जत, मान मर्यादा मिट्टी में मिल जाती है और ऐसे हरामखोरों का साथ पुलिस पीआरओ भी देते हैं और फर्जी प्रेस नोट जारी कर देते हैं। इज्जतदार लोग फर्जी आरोप लगने से आत्महत्या तक कर लेते हैं।
ये हरामी पैसे के लिए जिन बेगुनाहों को जेल भेजते हैं वो बेगुनाह इन्हे जमकर बद्दुआ देते हैं और कहीं न कहीं उनकी बद्दुआ रंग भी लाती है और ऐसे हरामियों की औलाद लूली लंगड़ी पैदा होती है। अच्छी औलाद भी पैदा होती है तो वो बड़ी होकर अपने हरामखोर बाप की फेक इज्जत को मिट्टी में मिला देती है।
हरियाणा के फरीदाबाद में भी तमाम राकेश हैं जो पैसे लेकर कोई भी काम कर सकते हैं। किसी भी अच्छे आदमी पर बड़े आरोप लगा उन्हें जेल भेज देते हैं। नीमका जेल जहाँ ढाई हजार के आसपास कैदी, बंदी हैं , 50 फीसदी से ज्यादा लोग फरीदाबाद पुलिस को गंदी गालियां देते हैं और कहते हैं कि बिना कुछ गलत किये पुलिस ने फंसा दिया और यहाँ तक कि ऐसा कहने वाले पुलिस के कुछ अधिकारी भी हैं जैसे कि पलवली केस में 35 महीने से जेल में रह रहे धर्मेंद्र और उनका भाई। दोनों भाई पुलिस अधिकारी और कहते हैं कि हमने मक्खी तक नहीं मारा और मर्डर केस में 35 महीने से जेल में हूँ। धर्मेंद्र का कहना है कि मेरा अपने विभाग से ही भरोषा हट गया है।
नीमका जेल में ऐसे एक दो नहीं सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो पुलिस को बद्दुआएं देते रहते हैं। फरीदाबाद की बात करें तो हर चौकी थाना क्षेत्र में अब भी जुए और सट्टे के अड्डे चल रहे हैं। पुलिस की आँख इतनी कमजोर नहीं है जो ये अड्डे उन्हें न दिखाई पड़ते हों। यहाँ से मोटा माल मिल रहा है। हर कोई जानता है लेकिन वो गलत काम कर रहे हैं, उनसे ले लो लेकिन जो गलत काम नहीं करते हैं उन्हें फेक केस में जेल भिजवा, अच्छी बात नहीं है। किसी के बच्चों को रुलाना, किसी की इज्जत मिट्टी में मिलाना, पैसे के लिए। कमजोर नेतृत्व भी इसका जिम्मेदार है। बात फरीदाबाद की करें तो वर्तमान में यहाँ सब कागजी नेता हैं। मोदी के नाम पर सत्ता पा चुके हैं और फरीदाबाद में राकेश जैसे भ्रष्ट तांडव मचा रहे हैं। कलयुग जायेगा, सतयुग आएगा। पैसे के लिए किसी बेगुनाह को फेक केस में फंसाने वालों आपकी औलाद लूली लंगड़ी पैदा होगी और एक दिन आप खून के आंसू रोयेंगे। लिख कर रख लें।
*आम जनता न्याय के लिए कहा जाए— मानव अधिकार मिशन मथुरा,उ.प्र (भारत) (@HumanRights900) August 30, 2020
*ये वीडियो जिससे थानाध्यक्ष फरियादी से नए अंदाज में रिश्वत मांग रहे है और पुलिस महकमे में हड़कंप मचा देने वाली कई ऐसी बातें वीडियो में कह रहे हैं।* @India_NHRC @HumanrightsMis2 @myogiadityanath @Uppolice pic.twitter.com/C24CGsax3y
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