नई दिल्ली- बारिश की बूंदों में न जाने कौन सा बम है जो हरियाणा की सड़कों पर गिर रहीं हैं तो सड़कों पर गड्ढे हो जा रही हैं। किसी पुल पर गिरती हैं तो पुल भरभराकर गिर जाता है। सवाल है कि क्या इन सड़कों के निर्माण में सीमेंट की जगह राख का इस्तेमाल हो रहा है? क्या अन्य सरकारी निर्माणों में भी ऐसा ही किया जा रहा है या बारिश की बूंदे ही कसूरवार हैं। गुरुग्राम सोहना रोड पर शनिवार रात एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा भर-भराकर गिर गया। हादसे के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई थी। यह घटना विपुल ग्रीन्स के पास की है, हादसे में दो मजदूरों के जख्मी होने की सूचना है।
सोशल मीडिया पर हरियाणा सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। इसे मनोहर विकास बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ये पुल भ्रष्टाचार का बोझ नहीं सह पाया और गिर पड़ा
#Gurugram में निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरा।भ्रष्टाचार का बोझ सह नहीं पाया ।जरूरत से ज्यादा बजट, निश्चित से अधिक समय सीमा लेकिन फिर भी जनता की जान से जोखिम, कारण केवल भ्रष्टाचार।#BJP की सरकार है #Haryana में तो #credit किसका?? pic.twitter.com/MtUQT6yewB
— Prince (@King_prince_inc) August 22, 2020
हाल में एक और मामले में कहा गया था कि भाजपा नेता किसी सरकारी निर्माण का उद्घाटन करने जाएँ तो उसके अंदर न जाएँ। कोई पता नहीं वो कब गिर जाए।
ये है @mlkhattar जी का विकासलापरवाही और खोखले विकास का एक और झूठ बेनकाब, गुरुग्राम में निर्माणाधीन फ्लाइओवर गिरा!!ये है भाजपा शासित सरकार का विकास pic.twitter.com/9MbL02bDzm
— Adarsh Tiwari (@aap_adarsh) August 22, 2020
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