नई दिल्ली- भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज निधन हो गया। लम्बी बीमारी के बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोडा। बहुत कम लोग जानते होंगे कि अपने कार्यकाल में उन्होंने कई आतंकियों को फांसी पर लटकवाया। मुंबई हमले का आरोपी अजमल कसाब 21 November 2012 को उन्ही के कार्यकाल में फांसी पर लटकाया गया। संसद हमले का दोषी अफजल गुरु भी उन्ही के कार्यकाल में 9 फरवरी 2015 को फांसी पर लटकाया गया था।
यही नहीं 30 जुलाई 2015 को 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को उन्हें के कार्यकाल में फांसी पर लटकाया गया था। आपको बता दें कि साल 1993 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक के बाद हुए 12 बम धमाकों से कांप उठी थी। 12 मार्च को दो घंटे और 10 मिनट के अंदर हुए इन 12 धमाकों की चपेट में आकर करीब 317 लोग मारे गए थे।
कसाब की बात करें तो मुंबई पर हुए 26/11 आतंकी हमले जो साल 2008 में हुए थे ,उस आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए थे, जिसमें मुंबई पुलिस के तीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे , पाकिस्तान से आए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने इस भयानक हमले को अंजाम दिया था। इनमें से एक आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा भी पकड़ा गया था, जिसे साल 2012 में फांसी दे दी गई उस समय प्रणब मुखर्जी ही देश के राष्ट्रपति थे।
अफजल गुरु की बात करें तो 13 दिसंबर को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मोहम्मद अफजल गुरु भारतीय संसद पर हमला करवाया था। 13 दिसंबर, 2001 को, पांच बंदूकधारियों ने संसद परिसर पर हमला कर वहां अंधाधुंध गोलियां बरसायीं थीं। उस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच कर्मियों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला अधिकारी, संसद भवन के दो वॉच और वार्ड कर्मचारी, एक माली और एक कैमरामैन की मौत हो गई थी। इन आतंकियों को कई तथाकथित संस्थाओं और कुछ नेता बचाने का प्रयास भी कर रहे थे, इनकी सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग कर रहे थे और रात्रि में भी इनमे से एक आतंकी के मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई थी लेकिन प्रणब दा की कलम नहीं रुकी।
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