फरीदाबाद : हरियाण सरकार ने फरीदाबाद नगर निगम के जेई हेमंत त्यागी को बूस्टर पर अनियमिताओं का दोषी पाने पर बर्खास्त कर दिया है। एनआइटी-86 के विधायक नीरज शर्मा ने दो दिसंबर 2019 को एनआइटी-86 विधानसभा क्षेत्र के संजय कॉलोनी बूस्टर पर रात्रि 1.40 बजे निरीक्षण किया तो वहां तीन-चार झुग्गियां बनी हुई थीं और वहां अवैध रूप से ठेकेदार के मजदूर रह रहे थे। मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार यहां रहने के पैसे जेई को देता है। इसी बूस्टर के अंदर एक बारातघर भी बना हुआ है। इस पर बिजली के एक निजी ठेकेदार का कब्जा था। पूरे परिसर में शराब की खाली बोतलें फैली थीं। ऐसा लग रहा था कि यह कोई सरकारी परिसर न होकर किसी का निजी क्षेत्र हो। जेई की इस लापरवाही की बाबत जब निगमायुक्त को शिकायत दी तो उसे आंतरिक जांच में दोषी पाया गया मगर उसके खिलाफ राजनीतिक संरक्षण के चलते कार्रवाई नहीं हुई। अब जब विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा में इस मामले में कार्रवाई के लिए सवाल पूछा तो सरकार ने कार्रवाई के रूप में नौ माह बाद जेई को बर्खास्त कर दिया है।
विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि बूस्टर बंद रहने से करीब एक लाख लोगों की जलापूर्ति प्रभावित होती है। इसके चलते उन्होंने बूस्टर का औचक निरीक्षण किया था। शर्मा के अनुसार जेई के खिलाफ सरकार ने नौ माह बाद कार्रवाई की है। न्याय में देरी से न्याय का आभास नहीं होता है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि जेई को अब राजनीतिक संरक्षण के चलते किसी अन्य विभाग में भी नौकरी दी जा सकती है। इसलिए ऐसे लापरवाह लोगों को सरकारी नौकरियों से दूर रखा जाए। उन्होंने इस कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज का आभार जताया।
नीरज शर्मा ने व्यापारियों और मजदूरों के दो प्रमुख मुद्दों पर विधानसभा में दिया ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
फरीदाबाद : एनआइटी-86 से विधायक नीरज शर्मा ने प्रदेश के व्यापारियों और फरीदाबाद के मजदूरों की दो प्रमुख समस्याओं पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए। इनमें नीरज शर्मा ने राज्य सरकार के उस निर्णय का विरोध किया जिसमें शनिवार-रविवार दुकानें और शॉपिंग मॉल्स बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा विधायक ने फरीदाबाद की वीनस कंपनी में काम करते हुए अंग-भंग करा चुके कर्मचारियों की भी कोरोना काल में छंटनी का मुद्दा विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के प्रारूप:
1.राज्य सरकार ने सप्ताहांत में शनिवार-रविवार को दुकान और शाॅपिंग मॉल्स बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार का तर्क है कि कोरोना के बढ़ते मामले इससे रुक जाएंगे। सरकार का यह तर्क औचित्यहीन है। सरकार ने कोरोना संकट के दौरान लगाए लाॅकडाउन की समयावधि में न तो दुकानदारों को उनके बिजली के बिलों पर कोई छूट मिली और न ही उनके किराये में कोई छूट मिली। अब जब दुकानदारों ने इस संकट से उबरकर अपने को संभाला ताे सरकार का यह फैसला आ गया। पूरे प्रदेश के व्यापारी इस निर्णय के खिलाफ खड़े हो गए हैं। सरकार यह कैसे दावा कर सकती है कि शनिवार-रविवार
Post A Comment:
0 comments: