नई दिल्ली: हाल में स्तीफा देने वाली आईएएस रानी नागर ने कई ट्वीट कर कई खुलासे किये हैं। उन्होंने लिखा है कि मैं रूपये देकर यू टी गेस्ट हाऊस से जो खाना ख़रीदती थी मुझे उस खाने में लोहे के पिन डालकर खाना दिया जाता था। इस बारे की गयी लिखित शिकायत की प्रति संलग्न है। लाक्डाउन व कर्फ़्यू में यू टी गेस्ट हाऊस को जनता के लिए बंद कर दिया गया लेकिन मुझे और मेरी बहिन रीमा नागर को यू टी गेस्ट हाऊस में ही रखा गया। कर्फ़्यू व लाक्डाउन में हमें खाना भी नहीं मिला। मैं और मेरी बहिन रीमा नागर ने कर्फ़्यू व लाक्डाउन में बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ आदि से अपना गुज़ारा चलाया। यदि आप मेरा इस्तीफ़ा रोकने बारे आग्रह व आंदोलन ना करें तो आप सभी की हम पर बड़ी दया होगी।Folded hands
उन्होंने आगे लिखा है कि मैं रानी नागर पुत्री स्व श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी से हाथ जोड़कर सादर यह विनती करती हूँ कि आप मेरा इस्तीफ़ा स्वीकार ना किए जाने के लिए आग्रह व आंदोलन ना करें। मुझे माननीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मैं अपने केस में माननीय न्यायपालिका में जाती रहूँगी। मेरे पास अभी अपनी रोटी खाने के लिए भी बहुत सीमित साधन है। मेरी आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि जितनी जल्दी मेरा इस्तीफ़ा स्वीकार होगा उतनी ही जल्दी मेरा तनख़्वाह में से कटा हुआ एन पी एस फ़ण्ड मुझे प्राप्त होगा जिससे मैं अपना रोटी का का ख़र्चा चला पाऊँगी। मेरे इस्तीफ़ा स्वीकार ना होने से मेरा और अधिक शोषण होगा। आगे सरकारी नौकरी कर पाना मेरे लिए सम्भव नहीं होगा। यू टी गेस्ट हाऊस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाया जाना मना था।
मैं रूपये देकर यू टी गेस्ट हाऊस से जो खाना ख़रीदती थी मुझे उस खाने में लोहे के पिन डालकर खाना दिया जाता था। इस बारे की गयी लिखित शिकायत की प्रति संलग्न है। लाक्डाउन व कर्फ़्यू में यू टी गेस्ट हाऊस को जनता के लिए बंद कर दिया गया लेकिन मुझे और मेरी बहिन रीमा नागर को— Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 7, 2020
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