चंडीगढ़, 8 अप्रैल- कोविड-19 प्रभावित शवों का निपटान कर रहे लोगों के कोविड से पीडि़त या संक्रमित होने के भय एवं संभावना को मद्देनजर रखते हुए हरियाणा सरकार ने कोविड शव प्रबंधन में लगे विभिन्न हितधारकों की भूमिका एवं जिम्मेदारी निर्धारित की है और कोविड प्रभावित शवों का निपटान करते समय संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए निर्धारित बचावात्मक मानकों का अनुपालन करने के निर्देश जारी किए हैं।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रवक्ता ने आज इस संबंध में व्यापक जानकारी देते हुए बताया कि कोविड -19, जो दुनियाभर के कई देशों में कहर बरपा रहा है, के प्रसार को रोकने के लिए सख्त उपायों को अपनाने की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने नगर निगमों के सभी आयुक्तों, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों और नगर समितियों के सचिवों को स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय, (ईएमआर डिवीजन) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कोविड शव प्रबंधन के संबंध में जारी किए गए दिशानिर्देशों एवं प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए कोविड प्रभावित शवों का निपटान करने के लिए प्राधिकृत किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि किसी व्यक्ति, संस्था और संगठन द्वारा किसी भी संबंधित आदेश के उल्लंघन को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (1860 में 45) के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। यह भी आदेश दिए गए हैं कि नगर निगम आयुक्त इस कार्य के लिए संयुक्त आयुक्त या अधीक्षक अभियंता या कार्यकारी अभियंता के स्तर के वरिष्ठï अधिकारी को नोडल अधिकारी पदनामित करेगा जबकि कार्यकारी अधिकारी और सचिव इस संबंध में अपने-अपने क्षेत्र में नोडल अधिकारी होंगे।
उन्होंने बताया कि दिशानिर्देशों के अनुसार स्टैण्डर्ड इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस में हाथों को बार-बार साफ करना, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण का उपयोग (जैसे, जल प्रतिरोधी एप्रन, दस्ताने, मास्क, आईवियर)करना, नुकीली चीजों का सुरक्षित रूप से निपटान करना, शव रखे जाने वाले बैग, पीडि़तों पर इस्तेमाल किए गए उपकरणों एवं कपड़ों को कीटाणुरहित करना और आस-पास की सतहों को साफ एवं कीटाणुरहित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, आइसोलेशन एरिया, शवगृह एवं एम्बुलेंस में शवों की देखभाल के लिए चिह्निïत सभी कर्मचारियों और श्मशान घर एवं कब्रिस्तान में कार्यरत कर्मचारियों में संक्रमण को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों के संबंध में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि निगम आयुक्तों को शोक संतप्त परिवारों को शवों के माध्यम से कोविड-19 के फैलने बारे और इसकी रोकथाम के लिए किए जाने वाले उपायों बारे जानकारी देने के लिए संयुक्त आयुक्त या अधीक्षक अभियंता या कार्यकारी अभियंता को नोडल अधिकारी के रूप में पदनामित करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों द्वारा संतप्त परिवार को बताया जाएगा कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए श्मशान घर में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे में संक्रमण के फैलने की संभावना अधिक रहती है। 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को शव से सीधे सम्पर्क में आने से बचना चाहिए और उन्हें श्मशान घर में नहीं ले जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, बचाव के निर्धारित मानकों का पालन करते हुए स्टाफ को बैग, जिसमें शव रखा गया है, थोड़ा सा खोल कर परिवारजनों को मृत के अंतिम दर्शन करवाने चाहिए। शव को नहलाने, चूमने या आंलिगन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि संस्कार के समय धार्मिक ग्रंथों को पढऩे, पवित्र जल के छिडक़ाव या कोई ऐसा कार्य, जिसमें शव को छूने की आवश्यकता नहीं है, की अनुमति होगी। संस्कार के उपरांत परिवार के सदस्यों को अपने हाथों को अच्छे से धोना चाहिए। राख से संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं है इसलिए अस्थि प्रवाह के लिए उसे एकत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, नगरपालिकाओं द्वारा हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 और हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन भी किया जाएगा।
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