गुरुग्राम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने जींद की अनाजमंडी में 100 से अधिक लोगों के साथ पहुंचकर सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ा दी हैं। लॉकडाउन के दौरान इस तरह की हरकत पूरी तरह निंदनीय है और सूरजेवाला के साथ-साथ जिन अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने की परमिशन दी है, उन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकारी आदेशों की अवहेलना करने का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। यह बात बुधवार को भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रमन मलिक ने कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित विपक्ष के नेता कोरोना वायरस को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा लगाए गए लॉकडाउन को सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना की। सूरजेवाला आढ़तियों को बरगला रहे हैं। मलिक ने कहा कि राहुल गांधी और सूरजेवाला की जोड़ी ऐसी है, राम मिलाए जोड़ी एक अंधा और एक कोढ़ी।
मलिक ने कहा कि राहुल गांधी और सूरजेवाला सहित विपक्ष के नेताओं का एक ही उद्देश्य है कि देश का चाहे हश्र कोई भी लेकिन प्रधानमंत्री की मुहीम कामयाब नहीं होनी चाहिए। ऐसे लोगों को देशहित से कोई लेना देना नहीं होता है। वे केवल जनता को बरगलाकर उनसे कोरोना जैसी महामारी के बावजूद भी अपनी बातें मनवाने का काम कर रहे हैं। ऐसी राजनीति नहीं की जानी चाहिए। केवल और केवल लोगों को ऐसे कठिन समय पर देशहित को ध्यान में रखते हुए अपने घरों में रहना चाहिए। और यदि किसी कारणवश बाहर भी निकले तो सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखना चाहिए। किसी की बातों में आकर जनसभा व कार्यक्रम में शामिल होना उनके अपने स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
मलिक ने सवाल उठाया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने को लेकर आज तक कांग्रेस व राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने कभी लोगों की मदद के लिए कुछ किया है? दूसरा सवाल उठाते उन्होंने कहा कि कभी कांग्रेस के नेताओं ने तब्लीगी जमात को लेकर बयान नहीं दिया, उसके पीछे क्या कारण है। कांग्रेस की सरकार कई राज्यों में है, वहां भी तब्लीगी जमात के कारण कोरोना का संक्रमण फैला, लेकिन कभी कोई विरोध तक नहीं किया गया। इससे कांग्रेस की नीतियां उजागर होती हैं।
मलिक ने आगे आरोप लगाते हुए कहा प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की अगुवाई में चलने वाली भाजपा सरकार ने इस कठिन समय में भी किसानों के हित के लिए नए मानक स्थापित करते हुए फसल की खरीद को चालू रखा है। पूर्व की सरकारों की तरह हरियाणा के किसानों का अहित ना होने देने का दृढ़ संकल्प लेके पिछले लगभग छे साल से हर वह काम करा है जिससे किसान की भलाई हो।
सुरजेवाला जी भूल गए हैं कि वह उस सरकार का हिस्सा थे जो यह सोचती थी कि किसान को ₹4 ₹6 ₹50 ₹100 का मुआवजा दिया जाए तो भी ठीक है। तभी तो डबल MLA की कोशिश की और आज सिंगल MLA भी नहीं रहे।
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