नई दिल्ली: देश के कुछ कमजोर नेता विपक्ष के हमले झेल नहीं पाते हैं और विपक्ष के सामने नतमस्तक हो जाते हैं। देश में इन दिनों शराब के ठेके बंद हैं और राज्य सरकारों को रोजाना कई-कई करोड़ का चूना लग रहा है जबकि पीने वाले अब भी पी रहे हैं लेकिन तीन गुना ज्यादा दाम दे रहे हैं। जो पैसा राज्य सरकारों को टैक्स के रूप में मिलना था वो शराब माफिया डकार रहे हैं और शराब तस्करों के मजे आ गए हैं। हरियाणा में भी प्रदेश सरकार को रोजाना 10 करोड़ रूपये से ज्यादा की चपत लग रही है और ये पैसे शराब माफियाओं के पास जा रहे हैं। यही नहीं बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू के दाम भी अब दोगुने हो गए हैं और कुछ लोग लाकडाउन में चांदी नहीं सोना इकठ्ठा कर रहे हैं।
अब महाराष्ट्र से एक शुरुआत हुई है जहाँ महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में राज ठाकरे ने सीएम उद्धव ठाकरे से कहा है कि राज्य में शराब की दुकानेंखोल दी जाएं, जिससे राजस्व मिलता रहे और घाटा ना हो। इससे पहले राज ठाकरे ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण राज्य का खजाना तेजी से खाली हो रहा है। राज ठाकरे ने कहा है कि एक महीने पहले लॉकडाउन लागू होते ही शराब की दुकानें बंद की गई थीं। अब इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खोला जा सकता है। इस समय राज्य सरकार को किसी नैतिक मुद्दे पर फंसने की बजाय मुश्किल वक्त में जरूरी फैसला लेना चाहिए। आपको बता दें कि सीएम उद्धव राज ठाकरे के चचेरे भाई हैं।
आपको बता दें कि कई राज्यों में सरकारों को शराब से भारी राजस्व मिलता है और एक महीने से शराब के ठेके बंद हैं। शराब माफिया जमकर पैसे कमा रहे हैं, तीन गुना दाम पर शराब की बोतलें बेंच रहे हैं जिसके बाद अब आवाज उतनी शुरू हो गई है। अगर राज्य सरकारें ठेके खुलवाकर शराब के दाम दोगुना करवा दें और बढ़ाई गई कीमत का आधा पैसा खुद लेकिन और कोरोना के मरीजों पर वो पैसा खर्च करें ,उस पैसे से टेस्ट किट व् अन्य चीजें मंगवाएं तो सरकारें फायदे में ही रहेंगी। जो पैसा माफिया कमा रहे हैं वो पैसा सरकारों के पास जायेगा।
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