अनूप कुमार सैनी- रोहतक, 16 अप्रैल। कोरोना से सीधी जंग लड़ रहे पीजीआई स्टाफ के लिए नया रोस्टर प्लान लागू किया है। कोरोना को लेकर पीजीआई में बनाए आइसोलेशन वार्ड में तैनात स्टाफ के लिए अब हर हफ्ते का रोस्टर प्लान तय कर दिया है।
नए रोस्टर के हिसाब से पीजीआई के वार्ड-24 व सी ब्लॉक में बने आइसोलेशन वार्ड में तैनात स्टाफ के लिए एक हफ्ते की ड्यूटी के बाद 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहने की व्यवस्था की है। इस रोस्टर के हिसाब से सभी डॉक्टरों व स्टाफ को रोस्टर लॉकडाऊन पार्ट-2 का शेड्यूल दिया है।
पीजीआई के हॉस्टल में रह रहे उन जूनियर डॉक्टर्स को अब सरकारी रेस्ट हाऊस में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा, जिनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में हैं। नए रोस्टर प्लान के लागू होने के बाद नई गाइडलाइन का शेड्यूल पूरा कर चुकी स्टाफ की टीम को मंगलवार से क्वॉरेंटाइन कर दिया है। वहीं तीन स्टाफ नर्स और तीन डॉक्टर की पिछले दिनों सैंपलिंग भी की गई, सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। आईसोलेशन वार्ड में एनेस्थेसिया विभाग के 40 डॉक्टरों की ड्यूटी लगी है। इस वार्ड को पूरी तरह से निगरानी में रखा गया है ताकि कहीं कोई चूक से अनर्थ न हो जाए।
तीन शिफ्ट में ड्यूटी दे रहे हैं चिकित्सक
पीजीआई के वार्ड नंबर 24 और सी ब्लॉक में बने आईसोलेशन वार्ड में आने वाले कोरोना पॉजीटिव व संदिग्ध मरीजों के इलाज में मेडिसिन व एनेस्थेसिया विभाग के चिकित्सक तीन शिफ्ट में सेवाएं दे रहे हैं। रेजीडेंट्स और कंसल्टेंट चिकित्सक कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में न आ सकें, इसके लिए नया रोस्टर जारी किया है। कुलपति के आदेश को लागू करवा दिया गया है।
आईसोलेशन वार्ड में तैनात डाक्टर्स और स्टाफ नर्स को 6 से 8 घंटे पीपीई किट पहन कर रहना होता है, जो कि काफी मुश्किल रहता है। एक बार पीपीई किट पहनने के बाद कुछ भी खा पी नहीं सकते और टॉयलेट जाना तक मुश्किल रहता है।
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