नई दिल्ली: बच्चे तो बच्चे होते हैं किसी भी धर्म के हों और लॉकडाउन के दौरान न सरकार कोई भेदभाव कर रही है न पुलिस और न डाक्टर न ही देश के समाजसेवी। डाक्टर हर धर्म के लोगों का इलाज कर रहे हैं। पुलिस हर किसी की सुरक्षा के साथ उन्हें राशन और भोजन पहुंचा रही है। सरकार देश के 130 करोड़ लोगों के लिए काम कर रही है। देश के समाजसेवी हर जरूरतमंद की सहायता कर रहे हैं। कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। हर कोई इंसानियत दिखा रहा है।
वामपंथियों और उनके सहयोगी अर्बन नक्सली देश में लोगों को आपस में बांटने का काम अब भी कर रहे हैं। लोगों को भड़का रहे हैं। आपस में बाँट रहे है। एक तस्वीर आप देख सकते हैं जहाँ धार्मिक भेदभाव भुलाकर मलेरकोटला(पंजाब) का गुरुद्वारा ने मानवता की सबसे बड़ी मिसाल पेश की।लॉकडाउन में फ़ंसे मदरसे के बच्चों को रोज़ दोनो वक्त का खाना खिलाया जाता है।इस तस्वीर में अनेकता में एकता दिखाई देती।
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