फरीदाबाद। आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि लॉक डाउन उपरांत 4 मई से सभी प्रकार के उद्योगों को कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
यहां हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने कहा कि एक जनरल ऑर्डर द्वारा 4 मई 2020 से नॉनकन्फॉर्मिंग क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों के उद्योगों में कार्य करने की अनुमति को स्पष्ट रूप से एक ही आदेश में सम्मिलित किया जाना चाहिए और व्यक्तिगत रूप से अनुमति की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
आपने इसके साथ-साथ उद्योगों से संबंधित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, दुकानों को भी इसी आदेश में सम्मिलित किया जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की असमंजस की स्थिति ना बने और उद्योगों में उत्पादन प्रक्रिया निर्विघ्न रुप से आरंभ हो सके।
इसके साथ-साथ श्री चावला ने श्रमिकों द्वारा उनके अपने साइकिल व मोटरसाइकिल का प्रयोग करने की भी मांग रखी। आपने सुझाव दिया कि सुरक्षा की दृष्टि से इन श्रमिकों के लिए मास्क और हेलमेट को आवश्यक करार दिया जाना चाहिए।
आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने विश्वास व्यक्त किया कि उद्योगों में सोशल डिस्टेंस तथा अन्य आवश्यक प्रावधानों पर ध्यान दिया जाएगा क्योंकि कोरोना जैसी महामारी के प्रति सभी वर्गों में जागरूकता है।
मुख्य सचिव से बातचीत में श्री चावला ने प्लॉट नंबर के अनुसार आड-इवन स्कीम के तहत शिफ्ट टाइम चलाने का सुझाव दिया। श्री चावला ने कहा कि इस शिफ्ट में सुबह 7:00 से 3:30 व 9:00 से 5:30 के समय को शामिल किया जा सकता है।
इसके साथ-साथ लंबित सब्सिडीज को तुरंत जारी करने का आग्रह भी किया गया जबकि श्रमिकों को अप्रैल माह का वेतन ईएसआईसी या अन्य स्पेशल ग्रांट के तहत देने का अनुरोध भी किया गया। इसके साथ ही ब्याज दरों को 3 माह तक स्थगित करने व एमएसएमई सेक्टर को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की भी मांग भी की गई।
मुख्य सचिव के साथ वार्ता में मथुरा रोड स्थित उद्योगों को चलाने के लिए अनुमति देने, निर्यात इकाइयों को कार्य आरंभ करने की तुरंत अनुमति देने, राजस्थान की तर्ज पर 12 घंटे की शिफ्ट को स्वीकृति देने, फरीदाबाद के लिए मौजूदा 12000 श्रमिकों की संख्या को 50,000 तक बढ़ाने की मांग करते हुए कहा गया कि गुड़गांव में 12000 की तुलना में 58000 श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति दी गई है।
बताया गया कि लगभग 12000 अस्थायी श्रमिक अपने निवास चले गए हैं, जबकि 2500 के करीब श्रमिक कई शेल्टर होम में हैं।
श्री चावला ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉक डाउन से आर्थिक समस्याएं बढ़ी हैं और उद्योगों के समक्ष चुनौतियां सामने आई हैं। श्री चावला ने विश्वास व्यक्त किया है कि इस संबंध में प्रदेशभर के औद्योगिक प्रतिनिधियों के सुझावों के अनुरूप सरकार कारगर नीति तैयार करेगी और इससे उद्योगों सहित सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
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