चंडीगढ़, 3 अप्रैल- कोविड-19 संक्रमण संकट के समय किसी तरह की भ्रामक सूचना से विकट स्थिति पैदा हो सकती है, अपुष्ट सूचनाओं से आम जनता में भ्रम की स्थिति पैदा ना हो, इस लिहाज से सरकारी एजेंसियां भी इस बात पर कड़ी निगरानी रख रही हैं कि गलत अथवा आधारहीन सूचनाओं का प्रेषण न हो। कड़ी निगरानी रखने के लिए हरियाणा के सूचना व जनसम्पर्क निदेशक पी सी मीणा ने राज्यस्तरीय व जिला स्तरीय टीमों का व्यापक गठन किया है जो फ़ेसबुक, ट्विटर, यूटूब, वेब पॉर्टल्ज़, न्यूज़ चैनल्ज़, अन्य सोशल मीडिया पलेटफार्म पर नजऱ रखेंगे। इस संदर्भ में राज्य में हरियाणा पुलिस की साइबर सेल इस इस बात पर पहले से नजर रख रही है कि किसी भी तरह की भ्रामक सूचनाओं का प्रेषण न हो।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि आम जन को भी सोशल मीडिया अथवा अन्य कहीं से मिली कोई सूचना भ्रामक अथवा तथ्यों से परे लगती है तो वह इसकी सूचना पुलिस व स्थानीय प्रशासन को दे तथा diprfactcheck@gmail.com पर भी भेज सकता है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सोशल मीडिया पर अफवाह या बिना पुष्टि किये गलत पोस्ट करने या फारवर्ड करने वालों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ आईटी ऐक्ट व एपिडेमिक ऐक्ट में मामला दर्ज हो सकता है, कानून में इसके लिये सजा का प्रावधान भी है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और सभी से अपील भी है कि वे सहयोग करें और सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट या फ़ॉर्वर्ड जिम्मेदारी के साथ ही करें ताकि इस वैश्विक संकट में भ्रम की स्थिति पैदा ना हो।
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