चंडीगढ़, 24 अप्रैल- संकट की इस घड़ी में, हरियाणा सरकार का ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ राज्य के लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हो रहा है, क्योंकि वे हेल्पलाइन पर कॉल के माध्यम से अपनी समस्याओं को हल करने में सक्षम हैं। इस महीने में 24 अप्रैल, 2020 तक ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ में कुल 1,07,995 कॉल रिसिव हुए हैं। ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ टेली मेडिसिन सेवाएं भी प्रदान करता है।
हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजीव अरोड़ा ने टेली-मेडिसिन सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि कोई भी व्यक्ति ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ पर कॉल करके कोरोना के लक्षणों, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टरों से नि:शुल्क परामर्श प्राप्त कर सकता हैं। इस हेल्पलाइन पर लगभग 979 डॉक्टर परामर्श के लिए उपलब्ध हैं।
गत 22 अप्रैल को, ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ में 3961 कॉल आए और जिला करनाल, तहसील नीलोखेड़ी से एक कैंसर रोगी श्री रविंदर नामक एक कॉलर, जो पीजीआई चंडीगढ़ से इलाज करवा रहे हैं, ने भी चिकित्सा सहायता की मांग की। उन्हें जीवन रक्षक दवा का नाम “PAZONABI 400mg” की सलाह दी गई, जिसकी कीमत 30,000 रुपये है और आयुष्मान भारत योजना के तहत उन्हें यह दवा नि:शुल्क प्राप्त हुई, जबकि गत 21 अप्रैल को पीजीआई, चंडीगढ़ में अपने दौरे के दौरान, उन्हें सूचित किया गया था कि दवा स्टॉक से बाहर है और उन्हें या तो इसे एक रिटेल स्टोर से खरीदना होगा या लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करना होगा। यह मरीज दवा खरीदने में असमर्थ था और उसने मदद के लिए ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ में फोन किया। स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान के महानिदेशक, श्री विकास गुप्ता ने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद संयुक्त आयुक्त, नगर निगम, करनाल, श्री गगनदीप सिंह ने व्यक्तिगत रूप से रोगी से मिलने के पश्चात उन्हें यह दवा सौंपी।
इसी तरह, गत 23 अप्रैल को, ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ को 4320 कॉल प्राप्त हुए। तीन प्रमुख समस्याओं का समाधान किया गया, जिनमें से एक गुरुग्राम के श्री आशीष की थी। कॉलर की पत्नी नौ महीने की गर्भवती थी और सुबह से प्रसव-पीड़ा में थी। लॉकडाउन के कारण, वे डॉक्टर से संपर्क करने में असमर्थ थे। उन्होंने एम्बुलेंस के लिए कॉल करने की भी कोशिश की, लेकिन वे कनेक्ट नहीं हो सके। इसके बाद फोन करने वाले ने ‘‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’’ से संपर्क किया और इस मुद्दे को 108 एम्बुलेंस हरियाणा ग्रुप में उठाया गया। एंबुलेंस 30 मिनट के भीतर श्री आशीष के पास पहुंची और महिला को अस्पताल ले जाया गया। वह अब सुरक्षित है और उसका इलाज चल रहा है।
फरीदाबाद के श्री वीरेंदर शर्मा नाम के एक अन्य कॉलर ने भी कंट्रोल रूम में फोन किया और अपनी चिंता सांझा की। उन्होंने कहा कि उनका आवास उनके क्षेत्र के राशन वितरण स्थल के बहुत निकट है। उन्होंने बताया कि हर सुबह लगभग 150 से 200 लोग राशन या भोजन वितरित किए जाने के समय पर इक_ा होते हैं और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन नहीं किया जाता है। उनका यह मुद्दा तुरंत पुलिस नियंत्रण कक्ष को भेज दिया गया। पुलिस उपाधीक्षक श्री अमित दहिया ने स्थानीय पुलिस कर्मियों से संपर्क किया। वितरण स्थान पर सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) मानदंडों का पालन करने के लिए हर सुबह एक पीसीआर को मौके पर मौजूद रहने के लिए नियुक्त किया गया है।
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