नई दिल्ली- मरीज अरबपति हो और डाक्टर साधारण व्यक्ति हो लेकिन बीमारी क्या है ये डाक्टर ही मरीज को बता सकता है। धन दौलत का भण्डार हो या सत्ता की ऊंचाई पर रहने वाले खुद ये पता नहीं लगा सकते कि उन्हें कौन सी बीमारी है। वर्तमान में कोरोना पूरी दुनिया में तांडव मचा रहा है। मौतों का आंकड़ा दो लाख तक पहुँचने वाला है और दुनिया हैरान परेशान है लेकिन ऐसे में चीनी मोटी कमाई कर रहे हैं। तमाम चीजे नकली बना कई देशों में सप्लाई कर रहे हैं। वो इस समय भी कमाने का कोई मौका नहीं ढूंढ रहे हैं। भारत में भी चीनियों ने करोड़ों की किट नकली भेज दी और अब भी भारत के तमाम वामपंथी चीनियों के साथ खड़े हैं। एनडीटीवी के एक एंकर का वीडियो देश के लोग देख चुके हैं जो खुलेआम चीनियों का साथ दे रहा है और भारत सरकार को घेर रहा है। देश में कोरोना फ़ैलाने वाले जमातियों का साथ दे रहा है और जमकर गालियां भी पा रहा है। उसे गाली नहीं पैसे से प्रेम है, उसे देश नहीं पैसे से प्रेम है इसलिए वो अफजल के साथियों का साथ देता दिखा, एक आतंकी हमले में आतंकीयों का साथ देते दिखा और उसके एनडीटीवी को बैन भी किया गया था। 2016 में पठाकोट हमले के बाद इस चैनल पर बैन लगा था।
हाल में दिल्ली में दंगे हुए थे और हरियाणा अब तक के पाठकों को याद होगा कि हमने उस समय लिखा था कि देश और हिन्दुओं को बदनाम करने वाले प्रति आर्टिकल पर लाखों पाते हैं कुछ भारतीय पत्रकार, हमने पूरी खबर भी लिखी थी और इस लिंक पर आप देखे सकते हैं वो खबर उस समय की हेडिंग उसके नीचे लिंक
उस समय ये दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा को टारगेट कर हिन्दुओं पर आरोप लगा रहे थे और प्रति आर्टिकल 10 लाख रूपये पा रहे थे। इनमे हाफ़िज़ सईद की खास एक महिला पत्रकार भी शामिल थी जिसके नाम के आगे दत्त लिखा है।
इसके बाद हमने उसी समय ये आर्टिकल लिखा इस आर्टिकल का भी लिंक आप देख सकते हैं।
दोस्तों कल से ये सभी हरामखोर रो रहे हैं क्यू कि दिल्ली दंगे के समय आपके हरियाणा अब तक ने जो लिखा था वो सब सच हुआ। दिल्ली में दंगा करवाने वालों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और ये वही निकले जिन्हे हमने बहुत पहले बताया था। जेएनयू का पूर्व छात्र उमर खालिद और उसके जामिया के तमाम दोस्त
इन्ही जेहादियों को वामपंथी मीडिया उस समय बचा रही थी और प्रति आर्टिकल दस लाख ले रही थी। ऊपर मैं बता चुका मरीज अरबपति हो तब भी उसकी बीमारी सिर्फ डाक्टर ही बता सकता है। हम अपने पाठकों को दिल्ली ही नहीं उत्तर प्रदेश हिंसा के समय भी बता चुके थे कि कुछ लोग कई लोगों की जान लेना चाहते हैं। अगले दिन ही 24 लोगों की जान गई थी। मैंने अपने व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पेज पर ऐसा लिखा था। अब हमने फिर अपने सूत्रों से बड़ी जानकारी मिल रही है कि देश को बदनाम कर मोटा माल कमाने वाले हरामखोरों को फिर काम मिल गया है। उन्हें प्रति आर्टिकल लाखों मिल रहे हैं। शर्त ये है कि वो ऐसी पोस्ट करें जिनमे दिखे कि भारत के लोग भूख से मर रहे हैं और अब ये हरामखोर अपने काम में जुट भी गए हैं। हाफिज सईद की चेली के पोस्ट देखें और अर्बन नक्सलियों और वामपंथियों के समर्थकों के पोस्ट देखें। अगर आप समझदार हैं तो समझ जायेंगे। ये नक्सली बड़ी साजिश रच रहे हैं। आने वाले दिनों में ये दिखाएंगे कि भारत में लोग भूख से मर रहे हैं। इन पर देश की एक पार्टी का भी हाथ है। सच लिख दूंगा तो कई लोगों को कड़वा लगेगा। हो सकता है यही पार्टी इन लोगों के पीछे हो।
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