नई दिल्ली- देश के तमाम बड़े आईएएस, आईपीएस सहित बड़े-बड़े नेताओं का लगभग एक महीने से बयान आ रहा है कि कोरोना अपने आप किसी के घर में नहीं आता, जो घर से बाहर जाते हैं वही अपने घर में कोरोना लेकर आते हैं और अपने परिवार की जान जोखिम में डालते हैं। कल रात्रि गृह मंत्रालय ने तमाम दुकानों को खोलने के आदेश दिए। गृह मंत्रालय की भी मजबूरी है क्यू कि देश में कई लाख दुकानदार हैं और एक महीने से उनके कामकाज बंद है लेकिन देश की जनता बेहद लापरवाह है। आज हल्की छूट मिलने ही लोग सड़कों पर उतर आये। कई लोग सपरिवार पिकनिक मनाते देखे गए लेकिन कई राज्यों में शाम पांच बजे के बाद पुलिस की पहले जैसी सख्ती दिखी।
देश के लोग अपनी जान कोरोना से बचाना चाहते हैं तो अब उन्हें पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी क्यू कि कई सब्जी बेंचने वाले कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। देश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी के एक व्यापारी की जान भी जा चुकी है। एक नाई ने 6 लोगों को कोरोना पॉजिटिव कर दिया है। ये घटना मध्य प्रदेश की है जहाँ खरगोन के बड़गांव में एक नाई ने एक ही संक्रमित कपड़े से कई लोगों की कटिंग और शेविंग कर दी। एक ही कपड़े का इस्तेमाल होने से कोरोना का संक्रमण लोगों मे फैलता रहा. इस बारे में पता चलते ही गांव की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। गांव के 6 लोग संक्रमित हो गए हैं।
देश की पुलिस लगभग एक महीने से सड़क पर है और देश ने खाकी के कई रूप पहली बार देखा, गरीबों को भोजन, लॉकडाउन का पालन करवाना, कुछ लोगों को पकड़ने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालना और निजामुद्दीन के मरकज़ से देश के अनेक राज्यों में छिपे लोगों को पकड़ने में कई पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हो गए तो कई अधिकारी जान भी गँवा चुके हैं। उज्जैन इंदौर के दो इंस्पेक्टर की जान इनके चक्कर में ही गई फिर भी खाकी में कोई खौफ नहीं है। इन दिनों तमाम भ्रष्टाचार, राशन घोटाले जारी हैं, देश में तमाम विभाग हैं लेकिन खाकी के अलांवा कहीं कोई नहीं दिख रहा है। जहाँ राशन घोटाले हो रहे हैं ये विभाग भी खाकी वालों को सौंप दिया जाता तो काफी कुछ अच्छा होता।
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