चंडीगढ़ 2 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार आज से प्रदेश में टेली-मेडिसिन सेवा शुरू करने जा रही है, ताकि उन लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा सके जो अस्पताल नहीं जा सकते। इसके अलावा, राज्य के 14 स्थानों पर 3000 बेड क्षमता वाले कोविड-19 अस्पताल स्थापित किए गए हैं।
मनोहर लाल ने यह जानकारी आज यहां चंडीगढ़ में नई दिल्ली से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दी। इस अवसर पर यहां हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चैटाला और स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज भी उपस्थित थे।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि हालांकि वर्तमान में राज्य में पीपीई किट का पर्याप्त भंडार है और इसके अलावा 2.50 लाख किट के आर्डर दिए गए हैं, इस प्रकार की और अधिक किटों को आयात करने के विकल्प पर विचार किया जाना चाहिए। तेजी से परीक्षण की ओर बढऩे की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को कोविड-19 का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए परीक्षण सुविधाओं को और बढ़ाना चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबों, किसानों और चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने के लिए धन्यवाद करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से सीसीएल के 4000 करोड़ रुपये के पुनर्भुगतान को स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि आरबीआई को इस ऋण का भुगतान करना चाहिए।
मनोहर लाल ने कहा कि कोविड-19 को लेकर अभी तक अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा में स्थिति नियंत्रण में है। गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), अन्य सामाजिक संगठन, स्वयंसेवक और राज्य के लोग नॉवेल कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में राज्य सरकार को पूरा समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों और केंद्र सरकार के अन्य विभागों द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का अक्षरक्ष: पालन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने दवाओं सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला में निरंतरता सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा अब तक, हरियाणा इस बीमारी के सामुदायिक संचरण को नियंत्रित करने में सफल रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 13,500 लोगों को निगरानी में रखा गया है। पॉजिटिव कोरोना वायरस के मरीजों के संपर्क में आए 817 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 546 सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में केवल 20 पॉजिटिव मामले हैं जोकि 33 पॉजिटिव मामले थे और इनमें से 13 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
प्रवासी मजदूरों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें भोजन और आश्रय की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 13,000 प्रवासी मजदूरों को इन शिविरों में शरण ली है, जिसमें उनके लिए परामर्श या काऊसलिंग की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा, टेलीविजन (टीवी) की व्यवस्था भी कुछ शिविरों में की गई है और इन शिविरों में लोगों को योग, ध्यान और अन्य मनोरंजक गतिविधियों का अभ्यास करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ मजदूरों ने स्थानीय स्तर पर काम करने की इच्छा भी व्यक्त की है और इस पर विचार किया जा रहा है।
दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में तबलीगी जमात के जमावड़े पर चिंता व्यक्त करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि राज्य के पांच जिलों में ऐसे 107 विदेशों से आए हुए व्यक्तियों सहित 1277 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गई है और विदेशों से आए हुए व्यक्तियों का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं और उसी के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि 725 ऐसे लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जरूरत के इस समय में विशेष रूप से गरीब लोगों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 13.50 लाख निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये प्रति सप्ताह की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां राहत प्रदान करने के लिए पहले ही 3000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है, वहीं दूसरी ओर इस महीने के लिए अतिरिक्त 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड राज्य में स्थापित किया गया है और लोगों से अपील की गई है कि वे इस फंड में उदारता से योगदान करें ताकि राज्य सरकार को कोविड-19 महामारी से निपटने में सहयोग मिल सके। इसके अलावा, राज्य सरकार के कर्मचारी भी आगे आ रहे हैं और अपने मूल वेतन के एक हिस्से का योगदान भी कर रहे हैं। योगदान के माध्यम से अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक एकत्रित किए गए हैं। चूंकि अभी भी बड़ी संख्या में लोगों ने फंड में योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है, इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि संग्रह की राशि में और वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल कटाई के मौसम को देखते हुए राज्य में किसानों को अपने घर में फसल का भंडारण करने की सलाह दी गई है और राज्य सरकार उनकी उपज के विपणन की व्यवस्था क्रमबद्ध तरीके से करेगी।
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